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पंचायत प्रतिनिधियों पर सरकार मेहरबान

मंडे स्पेशल एक्सक्लूसिव ------------ -निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रभावशाली बनाने की पहल तेज

By Edited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 04:00 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 04:00 PM (IST)
पंचायत प्रतिनिधियों पर सरकार मेहरबान

मंडे स्पेशल

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एक्सक्लूसिव

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-निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रभावशाली बनाने की पहल तेज

-बहुत जल्द होगा मानदेय में भारी इजाफा, प्रस्ताव तैयार

-सीएम ने दी सैद्धांतिक सहमति, विधि विभाग का भी अनुमोदन

-राज्य में कुल दो लाख 80 हजार 279 निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि

अरविंद शर्मा, पटना

विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार पंचायतों के मोर्चे को दुरुस्त करने में जुट गई है। निर्वाचित प्रतिनिधियों के भत्ते एवं मानदेय में बहुत जल्द भारी इजाफा होने वाला है। पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति देते हुए विभागीय प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का निर्देश दिया है। संबंधित संचिका पर विधि विभाग का अनुमोदन भी मिल चुका है।

सबसे बड़ी बात यह कि यह योजना एक अप्रैल से प्रभावी होगी। यानि बकाया राशि एरियर के रूप में दी जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक जिला परिषद अध्यक्षों, उपाध्यक्षों के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि का प्रस्ताव है। सबसे ज्यादा फायदा मुखिया और सरपंचों को होगा। उनका मानदेय दोगुना से भी ज्यादा बढ़ने जा रहा है। ग्राम कचहरी के पंचों को भत्ते के लिए प्रतिवर्ष 18 बैठकों की गिनती की अनिवार्यता भी खत्म होगी। हर महीने उन्हें एकमुश्त 400 रुपये मिलेंगे। इस तरह वर्ष में 48 सौ रुपये का प्रावधान किया गया है।

भत्ते होंगे नियमित, भुगतान खाते में

निर्वाचित प्रतिनिधियों के सभी तरह के भत्तों को निश्चित मानदेय में समायोजित कर दिया जाएगा। जिला परिषद, पंचायत और ग्राम कचहरी के सदस्यों को भी अब नियत मानदेय मिलेगा। ग्राम कचहरी के प्रधान, उपप्रधान एवं सदस्यों को मानदेय एवं भत्ते के भुगतान में देरी होने की शिकायत को भी राज्य सरकार दूर करने जा रही है। अब भुगतान उनके बैंक खातों में सीधे किया जाएगा।

सरकार जल्दी में क्यों

विकास कार्यो में जन सहभागिता को बढ़ावा देने तथा सत्ता के विकेंद्रीकरण को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार यह काम जल्द से जल्द पूरा कर लेना चाहती है। दूसरी सबसे बड़ी वजह है कि विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के 24 सदस्यों का चुनाव भी माथे पर है। इनमें 13 सीटों पर जदयू और तीन पर राजद का कब्जा है। भाजपा के पास सिर्फ पांच है। यही कारण है कि क्रमबद्ध तरीके से पंचायत प्रतिनिधियों को शक्तियां सौंपी जा रही हैं।

निर्वाचित प्रतिनिधि--संख्या --मानदेय - अभी - बढ़ने के बाद

जिला परिषद अध्यक्ष --38 -- 8 हजार -12 हजार

उपाध्यक्ष- 38 -- 6 हजार - 10 हजार

पंचायत समिति प्रमुख --531-- 6 हजार -10 हजार

पंचायत समिति उपप्रमुख-- 531-- 3 हजार- 5 हजार

मुखिया --8398-- 1200- 2500

उपमुखिया -8398--600 - 1200

सरपंच-- 8398-- 1200- 2500

उप सरपंच --8398-- 600-1200

जिला परिषद सदस्य -1162- 200 + 500 -2500

पंचायत समिति सदस्य -11501- 200 + 200 - 1000

ग्राम पंचायत सदस्य 115057- 200+ 100- 400

ग्राम कचहरी के पंच-- 115057--200 + 150 - 400

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