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बिहार में इस साल नहीं बढ़ेगा जमीन का सर्किल रेट

निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में जमीनों के सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार विभाग ने यह फैसला राजस्व संग्रह के निर्धारित लक्ष्य के पूरा न होने के कारण किया है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 10:08 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 10:10 AM (IST)
बिहार में इस साल नहीं बढ़ेगा जमीन का सर्किल रेट

पटना (चन्द्रशेखर)। निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में जमीनों के सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार विभाग ने यह फैसला राजस्व संग्रह के निर्धारित लक्ष्य के पूरा न होने के कारण किया है। बहरहाल, इससे सूबे के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को राहत मिलेगी।

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विदित हो कि 2013-14 के वित्तीय वर्ष में राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से सर्किल रेट में 20 से 500 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई थी, जिसके बाद से निबंधन कार्य लगभग ठप हो गया था। सर्किल रेट बढ़ाए जाने के बाद काफी बवाल मचा था। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2014-15 में भी 20 से 100 फीसद तक बढ़ोतरी कर दी गई थी। लगातार दो साल बढ़ोतरी से पूरे राज्य में निबंधन कार्य लगभग ठप सा हो गया था। इससे विभाग राजस्व संग्रह में निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे रह गया था।

65-70 फीसद ही राजस्व संग्रह :

हंगामा होने के बाद पिछले साल सर्किल रेट को व्यावहारिक बनाने के लिए इसमें 20 से 40 फीसद की कमी की गई थी। इसके बावजूद इस साल भी निबंधन विभाग राजस्व संग्रह लक्ष्य को पाने में पीछे रह गया। निबंधन विभाग की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व लक्ष्य 3000 करोड़ रुपये का निर्धारित किया गया था। इसमें अकेले पटना जिले का लक्ष्य लगभग 750 करोड़ रुपये रखा गया था। अनुमान है कि राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों द्वारा 31 मार्च तक लक्ष्य का मात्र 65 से 70 फीसद राशि ही राजस्व के रूप में मिलेगा। इस तरह कुल संग्रह 2100 करोड़ होने के आसार हैं। हालांकि पटना जिला का संग्रह 75 से 80 फीसद तक पहुंच सकता है।

घटे राजस्व की भरपाई भी होगी

निबंधन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी न होने से इस वित्तीय वर्ष में पिछले दो साल में हुई हानि की पूर्ति इसी साल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस साल के लक्ष्य को भी मामूली रूप से बढ़ाया जाएगा जिसे प्राप्त कर लेने की उम्मीद है।

नक्शा न पास होने का भी असर

नगर निगम द्वारा राजधानी के 1200 अपार्टमेंट का नक्शा पास करने पर रोक लगा दी गई थी। नक्शा पास होता तो 15000 फ्लैटों का निबंधन होता। अब नक्शा पास होने से निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है जिससे इस वित्तीय वर्ष में अलग से 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की उम्मीद है।


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