केन्द्रीय राजस्व में कमी के बाद सरकार ने घटाया बजट का आकार
केन्द्रीय राजस्व में कमी किए जाने और राज्य के राजस्व संग्रहण में गिरावट के बाद राज्य सरकार ने अपने वार्षिक योजना का आकार घटा दिया है।
पटना। केन्द्रीय राजस्व में कमी किए जाने और राज्य के राजस्व संग्रहण में गिरावट के बाद राज्य सरकार ने अपने वार्षिक योजना का आकार घटा दिया है। सरकार ने फैसला किया है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में योजना मद का आकार 57 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया जाए जबकि गैर योजना बजट में 70 हजार करोड़ रुपये का होगा। संभावना व्यक्त की गई है कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष के बजट पर सहमति प्राप्त कर ली जाएगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट को लेकर आहूत बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से योजना-गैर योजना मद में होने वाले खर्च के साथ ही केन्द्रीय राजस्व से होने वाली आमदनी और राज्य के राजस्व संग्रहण पर भी गहन चर्चा की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि राज्य में उम्मीद के मुताबिक राजस्व संग्रहण नहीं हो पाया है। इसका प्रमुख कारण पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार गिरावट और सीमेंट के दामों में अनुपात के मुताबिक उछाल न आना है। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने 25 हजार करोड़ राजस्व संग्रहण का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब तक 22 हजार करोड़ संग्रहण ही किया जा सका है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्यों को मिलने वाले केन्द्रीय राजस्व में भी कमी कर दी है। ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए आवश्यक है कि सरकार योजना का आकार बढ़ाने से परहेज करे। पूर्व में सरकार ने 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट आकार तय किया था, परन्तु तमाम आकलन के बाद इसका आकार घटा कर 1.27 लाख करोड़ कर दिया है। जिसमें से 57 हजार करोड़ रुपये योजना और लगभग 70 लाख करोड़ रुपये गैर योजना मद में निर्धारित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि तमाम आकलन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। संभावना है बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव पर हरी झंडी दे दी जाएगी। बैठक में वित्त मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, योजना मंत्री पीके शाही, वित्त सचिव रामेश्वर सिंह, योजना सचिव के अलावा दूसरे कई अधिकारी मौजूद थे।