हर साल देश में कम हो रही है हिंदुओं की संख्या : प्रवीण तोगडिय़ा
हर साल देश में हिंदुओं की संख्या कम रही है। आजादी के समय देश में 86 फीसद हिंदू थे। वर्ष 2001 में 82 फीसद और वर्ष 2011 में 79 फीसद हिंदू बचे। यह चिंता का विषय है।
पटना। हर साल देश में हिंदुओं की संख्या कम रही है। आजादी के समय देश में 86 फीसद हिंदू थे। वर्ष 2001 में 82 फीसद और वर्ष 2011 में 79 फीसद हिंदू बचे। यह चिंता का विषय है। नीतीश और मोदी केवल विकास की बात कर रहे हैं। लेकिन हिंदुओं का पलायन रोकने की बात कोई नहीं करता। हिंदू ही नहीं रहेंगे तो विकास का उपभोग कौन करेगा? हिंदुओं की सुरक्षा के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। ये बातें विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने पटना में आयोजित एक समारोह में कही।
डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि धर्मानांतरण का मुद्दा पहले सत्र में ही सामने लाया जाना चाहिए। बंटवारे के बाद पाकिस्तान में दस फीसद हिंदू थे, लेकिन अब उनकी संख्या केवल एक फीसद बची। धर्मानांतरण के कारण हिंदुओं का पलायन हो रहा है। आज से दो हजार साल पहले केवल हिंदू थे। जैसे-जैसे समय बीता नए धर्म की उत्पत्ति होती गई और हिंदुओं का धर्मानांतरण होता गया। यही हाल रहा तो दस साल बाद भारत में हिंदुओं की संख्या बहुत कम हो जाएगी।