सत्ता और विपक्ष दोनों में बैठने को तैयार जदयू : सुशील मोदी
एक ओर बिहार में जदयू नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार बनाने का दावा ठोंक रही हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष में भी खुद रहना चाहती है। ऐसा संभव नहीं है। जदयू में दो फाड़ हो चुका है। वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।
पटना। एक ओर बिहार में जदयू नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार बनाने का दावा ठोंक रही हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष में भी खुद रहना चाहती है। ऐसा संभव नहीं है। जदयू में दो फाड़ हो चुका है। वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे में सर्वदलीय बैठक के लिए नेता विपक्षी दल नंद किशोर यादव को भाजपा विधायक दल के नेता के नाम से पत्र भेजना असंवैधानिक है। उक्त बातें पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कही।
मोदी ने कहा कि हम (भाजपा) सत्ता के दावेदार नहीं हैं। हम विपक्ष में रहेंगे। 20 फरवरी के बाद ही मुख्य विपक्षी दल कौन होगा? इसका निर्णय लिया जाएगा। नीतीश कुमार ने चौथी बार इस्तीफा देकर बिहार की जनता के साथ नाटक किया है। इसका खामीयाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। मोदी ने कहा कि नीतीश ने तीन बड़ी गलतियां की है। पहली भाजपा से गठबंधन तोडऩा, दूसरी लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाना और तीसरी मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना और हटाने की। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद प्रदेश में बैड गर्वनेंस आया है। नीतीश की जिद और अहंकार की वजह से आज ये हालात हैं। उन्होंने बताया कि 18 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक होने वाली है। उसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव हॉर्स ट्रेडिंग के एक्सपर्ट हैं। पहले नीतीश ने लालू के विधायकों को तोड़ा। उन्हें मंत्री बनाया, फिर राजद के साथ गठबंधन कर लिया। हमें बिहार की सियासी हालात के लिए जिम्मेवार बताया जा रहा है। जब हमें सत्ता में आना ही नहीं है, फिर हम जिम्मेवार कैसे हुए? जदयू में वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम दिख रहा है। नीतीश की मर्जी नहीं चल रही है तो वे दूसरे दलों पर आरोप लगा रहा हैं। मोदी ने कहा कि भाजपा के विधायकों को फोन कर नीतीश समर्थन मांग रहे हैं। विधायकों को पैसे और मंत्री पद का लालच दिया जा रहा है। हमारी पार्टी बेवजह आरोप मढ़े जा रहे हैं। नीतीश आरोप लगाना बंद करें।