मूक-बधिर छात्राएं असुरक्षित!
पटना सिटी। समाज कल्याण विभाग के अधीन गायघाट स्थित मूक-बधिर बालिका मध्य आवासीय विद्यालय की छात्राएं अ
पटना सिटी। समाज कल्याण विभाग के अधीन गायघाट स्थित मूक-बधिर बालिका मध्य आवासीय विद्यालय की छात्राएं असुरक्षित हैं। इसका सहज अनुमान स्कूल परिसर पहुंचने से ही लग जाता है। चारो ओर उंची चहारदीवारी होने के बावजूद खुद के असुरक्षित होने का इशारा छात्राएं कई बार कर चुकी हैं। छात्राओं के डर की कई ठोस वजह भी है।
स्कूल के दक्षिण की दीवार को आधार बना अवैध रूप से दर्जनभर झोपड़ियां बनी हैं। महिला सुधार गृह जाने के रास्ते में और न्यायिक प्रशिक्षण केन्द्र की दीवार के समीप का यह अवैध कब्जा छात्राओं के लिए कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है। विभागीय लापरवाही घातक रूप ले सकती है। इस बात का डर छात्राओं समेत कर्मियों को भी है। इस मामले में विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
--स्कूल परिसर वीरान, अंधेरा, सुरक्षा कमजोर, दीवार लांघने की होती है कोशिश
दबी जुबान में स्कूल कर्मियों ने बताया कि दक्षिण की दीवार नीची होने के कारण स्लम बस्ती के युवक अक्सर दीवार पर चढ़ कर लांघने की कोशिश करते हैं। स्कूल परिसर में अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय था। इसके यहां से स्थानांतरण होने के करीब दो साल बाद से परिसर वीरान पड़ा है। जंगल उग आया है। रात्रि में परिसर अंधेरे में डूब जाता है। इसी परिसर के एक कोने में मूक-बधिर छात्राएं रहतीं और पढ़ती हैं।
जानकारी के अनुसार मूक-बधिर छात्राओं की रात्रि सुरक्षा के लिए एक महिला कर्मी तैनात हैं। ट्राई साइकिल पर चलने वाले एक विकलांग चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पर भी छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। निजी सुरक्षा गार्ड के छुट्टी पर होने की जानकारी दी गई।
-दीवार घेर स्कूल को अलग कर सुरक्षित करना जरूरी
विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि मूक-बधिर स्कूल के ग्यारह क्लास में नामांकित 50 छात्राओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि स्कूल को दीवार घेर कर अलग किया जाए। दक्षिण में रिमांड होम की ओर स्कूल का बड़ा गेट भी बना है। इस पर सालों से ताला लगा है। उंची दीवार से परिसर को सुरक्षित करने और सुरक्षा प्रहरी का विशेष इंतजाम करने के बाद ही छात्राओं की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हुआ जा सकता है।