अंधियारे में शिक्षा की लौ जला रहे विमल
शहर का सबसे पिछड़ा क्षेत्र शांतिनगर में बच्चों ने स्कूल का मुंह कभी नहीं देखा, लेकिन शिक्षा की मंजिल सीढ़ी दर सीढ़ी तय कर रहे हैं। शिक्षा के इस अभियान में उनकी अगुआयी कर रहे हैं विमल कुमार सिंह।
बक्सर (कंचन किशोर ) : शहर का सबसे पिछड़ा क्षेत्र शांतिनगर में बच्चों ने स्कूल का मुंह कभी नहीं देखा, लेकिन शिक्षा की मंजिल सीढ़ी दर सीढ़ी तय कर रहे हैं। शिक्षा के इस अभियान में उनकी अगुआयी कर रहे हैं विमल कुमार सिंह। बक्सर के गुरुदास मठिया निवासी युवा विमल ने बस्ती के अंधियारे में शिक्षा का लौ जलाने का संकल्प लिया है और चंद साथियों के सहयोग से अपने संकल्प को बखूबी पूरा कर रहे हैं।
विमल खुद टेंपो चालक के पुत्र हैं और शिक्षा के महत्व को अच्छे से समझते हैं। एमवी कालेज से अंग्रेजी में स्नातक करने के बाद मुफलिसी से बचने के लिए बच्चों को स्पीकिंग इंग्लिश का कोर्स कराते हैं। हालांकि, यह कार्य उनकी समाज सेवा के आड़े नहीं आता। शांतिनगर के पांच दर्जन बच्चों को वह शिक्षा प्रदान करते हैं। विमल ने बताया कि उन्होंने अभी इसकी शुरूआत ही की है। उनका उद्देश्य है कि वह ऐसे लोगों के बीच शिक्षा का प्रसार ज्यादा से ज्यादा करें। ताकि, पूरा समाज शिक्षित हो सके। स्कूल में मिले बच्चे सिंटू, अजय, मिंटू आरती, रेखा, पूजा व भोलू आदि ने बताया कि ये शिक्षक उन लोगों का भरपूर ख्याल रखते हैं। उन्हें कापी किताब से लेकर शिक्षा की सामग्री भी उपलब्ध कराते हैं। आज इनके साथ अन्य साथियों का गु्रप बन गया है। ये लोग मिलकर समाज को शिक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इनके साथ शशि प्रकाश व सरिता कुमारी हैं जो बच्चों को पढ़ाने में अपना योगदान देती हैं। सरिता की शिक्षा केरल में हुई है। वह कहती हैं कि बच्चों के साथ समय गुजारना उन्हें बेहद अच्छा लगता है और बच्चों के लिए काम करना ही उनका उद्देश्य बन गया है। वहां मिले अभिभावक लाला जी, शंकर व पुष्पा देवी ने कहा कि विमल सर व उनके साथियों के प्रयास से ही उनके बच्चे पढ़ ले रहे हैं। ऐ लोग पूरी तन्मयता से उनके बच्चों को पढ़ाते हैं। अभिभावकों ने कहा कि शांति नगर में एक सरकारी स्कूल भी है, लेकिन उसमें पढ़ाई नहीं होती।