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तरक्‍की के लिए अभी अधिकारियों को करना होगा इंतजार

तरक्की के इंतजार में बिहार के सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना होगा।

By Mrityunjay Kumar Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 09:07 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 09:11 AM (IST)
तरक्‍की के लिए अभी अधिकारियों को करना होगा इंतजार

पटना। तरक्की के इंतजार में बिहार के सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना होगा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सेवकों को तरक्की में परिणामी वरीयता के लाभ संबंधी 21 अगस्त 2012 को आदेश जारी किया था। उस आदेश पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा इसी साल अगस्त महीने में स्थगनादेश जारी किया गया है। इसके बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में सभी सेवा संवर्ग के लोगों को प्रोन्नति देने के लिए प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक पर ही रोक लगा दी है।

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बारह अगस्त को राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के बाद डीपीसी की बैठकें नहीं हो रही हैं। इधर राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगनादेश को हटाने के लिए अपील भी दायर की है। मगर राज्य सरकार के साथ-साथ सरकारी सेवकों को भी पटना उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना होगा। चुनावी साल में जब सरकार महादलितों के प्रति साफ्ट कार्नर रखने वाली सरकार के लिए यह परेशानी का सबब है। सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द स्थगनादेश से रोक हटे। प्रोन्नति के मसले पर विभिन्न विभागों द्वारा परामर्श की मांग की जा रही है मगर सामान्य प्रशासन विभाग का टका सा जवाब है अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करें। बिहार प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति की बड़े पैमाने पर दरकार है। इसी तरह आशुलिपिकीय सेवा से आप्त सचिव से प्रधान आप्त सचिव, सचिवालय सेवा में प्रशाखा पदाधिकारी से अवर सचिव, सहायक से प्रशाखा पदाधिकारी, उच्च वर्गीय लिपिक से सचिवालय सेवा के सहायक के पद पर प्रोन्नति की तैयारी चल रही थी।

हाल के महीनों में विभिन्न सेवा संवर्गो की कैडर नियमावली है। उसमें प्रोन्नति के रास्ते खुले हैं। मगर राज्य सरकार के आदेश के बाद तमाम तरह की प्रोन्नतियों पर रोक लगी हुई है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एम नागराज एवं अन्य बनाम भारत सरकार एवं अन्य मामले में 19 अक्टूबर को पारित आदेश के आलोक में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 21 अगस्त 2012 को आदेश जारी कर प्रावधान किया कि राज्य सरकार की सेवाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मियों को प्रोन्नति में आरक्षण की सुविधा परिणामी वरीयता के साथ अगले आदेश तक जारी रखी जाए। इधर, पटना उच्च न्यायालय ने सुशील कुमार सिंह एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में पांच अगस्त 2014 को आदेश जारी कर अगले आदेश तक परिणामी वरीयता पर रोक का आदेश जारी किया। इस आलोक में राज्य सरकार ने 12 अगस्त को आदेश जारी कर उच्च न्यायालय के स्थगनादेश को रद करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन करने का निर्णय किया। इस बीच सभी सेवाओं एवं पदों में प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठकों पर रोक लगा दी। बाद में एक अन्य आदेश में राज्य सरकार ने कहा कि प्रोन्नति पर रोक रहेगी मगर सलेक्शन ग्रेड प्रोन्नति या एसीपी या एमएसीपी के तहत वेतन वृद्धि पर कोई रोक नहीं है।


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