गरीबों की योजनाओं के पैसे से सूद कमा रही सरकार
पटना : केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गरीबों से जुड़ी योजनाओं की धीमी गति को ले राज्य सरकार की आलोचना की। कहा कि यह सूदखोर सरकार है। काम कराने के बदले गरीबों की योजनाओं से संबंधित पैसे बैंक में रखकर सूद कमा रही है। महिलाओं का शौच के लिए सड़क पर निकलना कलंक है। यह गरिमा, सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों से जुड़ा सवाल है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में 77 फीसद से ज्यादा लोग खुले में शौच करते हैं। कुशवाहा ने कहा कि 2019 तक हर घर में शौचालय और पाइप से जलापूर्ति हमारा लक्ष्य है। से गुरुवार को राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शौचालय तो कहीं-कहीं अपवाद के रूप में चालू मिले। शेष बेकार हैं।
शौचालय योजना के तहत राज्य सरकार इस साल अब तक एक भी पैसा नहीं ले सकी क्योंकि ओपनिंग बैलेंस बहुत था। एक अप्रैल 2014 को 246 करोड़ रुपये शेष थे। यही स्थिति गरीबों से जुड़ी दूसरी योजनाओं की है। पाइप जलापूर्ति के लिए 350 करोड़ का प्रावधान है मगर एक भी पैसा राज्य सरकार न ले सकी। पहले से जो पैसा था बैंक में रखकर सरकार सूद कमा रही है। इंदिरा आवास पर कहा कि दस साल में 59.42 लाख घर बनाने का लक्ष्य था, बने सिर्फ 41.81 लाख घर। 17.61 लाख नहीं बने। 2013-14 में ही 65550 घर का लक्ष्य था। बने सिर्फ 275869 । लक्ष्य से 329681 घर पीछे रहे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास में सरकार ने बिहार के लिए कटौती नहीं की है। नए फार्मूले के कारण पूरे देश में व्यवस्था हुई। 2001 और 2011 की जनगणना के आंकड़ों के कारण फर्क पड़ा है। और यह निर्णय हमारी सरकार के आने के पहले का है। पूर्व के बने शौचालयों को शून्य मानने संबंधी राज्य सरकार के स्टैंड पर कहा कि रोज मेंटेनेंस और सफाई कैसे हो ध्यान देना चाहिए। राज्य सरकार कोई मदद चाहती है तो प्रस्ताव दे। हम सहयोग करेंगे।