2वर्षो से बागवानी मिशन ने नहीं दिया अनुदान
नीरज कुमार, पटना : राज्य के बागवानी मिशन की लचर व्यवस्था का खामियाजा राज्य के युवा कृषि उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षो से बागवानी मिशन ने कृषि उद्यमियों को अनुदान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप विभाग की योजनाएंअधर में लटक गर्ई हैं। विभागीय अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण राज्य के युवा उद्यमी अब विभाग से दूरी बनाने लगे हैं।
राज्य सरकार के बागवानी मिशन के तत्वावधान में सूबे में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों ने हीं अधिकांश योजनाओं का गला घोट दिया है। विभाग की ओर से कृषि उद्यमियों को पिछले तीन वर्षो से अनुदान नहीं दिया गया है। इससे उनमें काफी निराशा है। वे परेशान हैं, अधिकारियों का चक्कर लगाकर थक गए लेकिन अधिकारी अनुदान देने के लिए वर्षो से टहलाते रहे हैं।
युवा कृषि उद्यमी रजनीश झा ने राजधानी में अपनी मां के नाम पर शांति मशरूम स्पान लैब स्थापित करने के लिए सरकार के पास आवेदन दिया था। तत्कालीन बागवानी मिशन निदेशक डा.एन.विजयलक्ष्मीने इसकी स्वीकृति 21 मार्च 2012 में दी थी। प्लांट निर्माण में लागत 15 लाख आई। मशरूम स्पॉन लैब पर 90 प्रतिशत अनुदान निधारित है लेकिन अधिकारी अनुदान देने में आनाकानी कर रहे हैं।
उस समय तीन माह में काम करने का निर्देश दिया गया। समय पर काम पूरा हो गया। विभागीय जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई लेकिन इसके बावजूद भी उद्यमी को अनुदान नहीं मिला। विभाग की ओर से एक प्लांट की तीन बार जांच कराई गई, दो बार जिला बागवानी अधिकारी एवं एक बार मिशन स्तर पर जांच हुई। तीनों बार कार्य को संतोष जनक बताया गया लेकिन अन्तत: अनुदान नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप लैब स्थापित होने के बाद आगे के लिए किए जाने वाले कार्य को युवा उद्यमी नहीं कर पाए। इस तरह का मामला केवल एक उद्यमी की नहीं है बल्कि सैकड़ों कृषि उद्यमी बागवानी मिशन के अधिकारियों के जाल में फंसकर परेशानी की मार झेल रहे हैं।
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बागवानी मिशन के अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटते-काटते थक गया हूं। बार-बार विभाग की ओर से जांच हुई पर रिजल्ट कुछ नहीं निकाला। विभाग के वरीय अधिकारियों से भी गुहार लगाया हूं पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
रजनीश झा
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अभी हाल में विभाग का कार्यभार संभाला है। अनुदान को लेकर काफी शिकायतें मिली हैं। उनकी सूची बनाने का निर्देश दिया हूं। अनुदान नहीं मिलने के कारणों की जांच की जाएगी। जांच के उपरांत सभी को अनुदान देने की व्यवस्था की जाएगी।
अरविन्दर सिंह, निदेशक,
राज्य बागवानी मिशन