सिवान में सहकारिता बैंक परिसर में चल रहा था शराब का कारोबार
सिवान : टाउन थाना, मुफस्सिल थाना और उत्पाद विभाग की टीम ने बुधवार को सदर प्रखंड के बरहन में सहकारिता बैंक परिसर में चल रहे अवैध शराब व्यवसाय का भंडाफोड़ किया। बैंक के अध्यक्ष रामायण चौधरी शराब व्यवसायी हैं और बैंक का इस्तेमाल शराब के गोदाम के रूप में हो रहा था। एसपी विकास वर्मन के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में बैंक परिसर से 12 ड्र्मों में रखी तीन हजार लीटर से अधिक स्प्रिट और भारी मात्रा में विदेशी शराब सहित शराब बनाने के उपकरण जब्त किए गए हैं। छापेमारी चौधरी के घर पर भी हुई जहां से कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। पूरी कार्रवाई तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली। छापामार दल ने इस दौरान शराब व्यवसायी रामायण चौधरी के कम्पोजिट शराब की दुकान पर भी छापा मारा जहां से एक गेज मिला जिसका इस्तेमाल टैंकर में स्प्रिट की माप के लिए किया जाता है। इस मामले में चौधरी, उनकी पत्नी कृषि सहकारिता बैंक प्रबंधक निधि चौधरी व छोटे भाई चुमन चौधरी को नामजद किया गया है। तीनों फरार बताए जा रहे हैं। बुधवार की सुबह उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली की बरहन गोपाल निवासी शराब व्यवसायी रामायण चौधरी अवैध शराब केधंधे में भी लिप्त है। उसने घर के पास स्थित सहकारिता बैंक परिसर को इसका केंद्र बना दिया है। मामला संगीन देख उत्पाद विभाग ने एसपी को सूचित किया। एसपी विकास वर्मन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुफस्सिल थाना और नगर थाना की संयुक्त टीम बनाकर उत्पाद विभाग को छापेमारी में सहयोग करने का आदेश दिया। इसके बाद टीम लगभग आठ बजे रामायण चौधरी के आवास पर पहुंची। वहां से कुछ नहीं मिला तो टीम ने सहाकारिता बैंक परिसर का रुख किया तो वहां का माहौल देख टीम दंग रह गई। वहां लंबे समय से यह धंधा चलने के पुख्ता सबूत मिले। टीम इस बात पर भी हैरानी थी कि सहकारिता बैंक के उच्च अधिकारियों की ओर से कभी इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया गया। दल ने यहां से 12 ड्रम में तीन हजार से अधिक स्प्रिट, एक पैकिंग मशीन, एक बैट्री, तीन किलो के करीब देशी शराब का रैपर, उपकरण, पाइप फिनाइल, नौसादर आदि जब्त किए। बाद में टीम ने बरहन बाजार में चौधरी की कम्पोजिट दुकान पर भी छापेमारी की जहां से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब बरामद हुई। इसे जांच के लिए भेजे जाने की बात टीम ने कही है।
उत्पाद विभाग के एसआई मनोज कुमार ने दावा किया कि इस दुकान में भी शराब की अवैध तरीके से पैकिंग की जाती थी क्योंकि जब्त गेज पूरी तरह से सरकारी संपत्ति होती है और इसका यहां से मिलना सामान्य बात नहीं। उन्होंने बताया कि इस मामले में कारोबारी रामायण चौधरी, उनकी पत्नी निधि चौधरी (कृषि सहकारिता बैंक की प्रबंधक) और रामायण के छोटे भाई चुमन चौधरी की संलिप्तता पाई गई है। तीनों को नामजद किया गया है। किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।