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बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते बन गया बैंक लूट का मास्टर

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 11:26 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 11:26 AM (IST)
बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते बन गया बैंक लूट का मास्टर

पटना : सिगोढ़ी थाना क्षेत्र में चंडोस इलाहाबाद बैंक शाखा समेत कई बैंकों में लूट की वारदात कर सनसनी फैलाने वाले गिरोह का सरगना सुदर्शन रविदास उर्फ मास्टर जी पटना पुलिस के हाथ लग गया। गिरोह के निशाने पर ग्रामीण क्षेत्र की बैंक शाखाएं हुआ करती थीं। गिरोह ने न केवल बिहार बल्कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और नेपाल में भी बैंक लूट, डकैती और रंगदारी जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दिया है। चंडोस में बैंक लूट की घटना के बाद पुलिस उसके पीछे पड़ी थी। पुलिस की दबिश बढ़ने पर वह नेपाल भागने की फिराक में था। तभी, रविवार की सुबह विशेष सेल की टीम ने उसे पालीगंज बस स्टैंड से दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर मसौढ़ी के बेलौटी स्थित घर में चावल की कोठी से लूट का 47 हजार रुपए नकद बरामद किया गया।

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इज्जत से नाम लेते थे नक्सली

सुदर्शन रविदास उर्फ मास्टर जी का नाम नक्सल संगठनों में बड़ी इज्जत के साथ लिया जाता था। वह पहले बच्चों को पढ़ाता था। इसके बाद पंचम महतो गिरोह में शामिल होकर एमसीसी का एरिया कमांडर बना, फिर बैंक लूट व डकैती को अंजाम देने लगा।

दो साथी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार

एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मास्टर गिरोह ने 21 मई को सिगोड़ी थाना क्षेत्र के चंडोस स्थित इलाहाबाद में हथियार के बल पर 92 हजार 395 रुपए नकद की लूट की थी। घटना के नौ दिन बाद पुलिस ने लूट में शामिल विमलेश कुमार उर्फ शशिरंजन को गिरफ्तार किया था। हालांकि मास्टर भागने में सफल हो गया था। तब से पुलिस मास्टर की तलाश कर रही थी। उसने छत्तीसगढ़, नेपाल, झारखंड समेत कई राज्यों में बैंक लूट व डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। उसके घर से मिले रुपए चंडोस इलाहाबाद बैंक से लूट गए थे। बाकी पैसे उसने खर्च कर दिए। मास्टर पर बिहटा, सिगोड़ी, शकुराबाद व किंजर थाने में भी विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज है। पुलिस के मुताबिक हाल के दिनों में उसने दर्जनों संगीन घटनाओं को अंजाम दिया है।

पंचम की मौत के बाद संभाल ली गिरोह की कमान

पंचम महतो नक्सली संगठन एमसीसी का जोनल कमांडर था। गिरोह से जुड़ने के बाद मास्टर मसौढ़ी का एरिया कमांडर बन गया। उसका काम बड़े व्यवसायियों, ठेकेदारों व पूंजीपतियों से रंगदारी एवं लेवी वसूलना था। सरगना पंचम की मौत के बाद उसने सारा कार्यभार संभाल लिया। गिरोह ने कुछ नए लड़कों को शामिल कर वह खुद सरगना बन गया। इसके बाद वह लूटपाट, बैंक डकैती जैसी वारदातों को अंजाम देने लगा।

पारंपरिक तरीके से लूटता था बैंक

मास्टर पारंपरिक तरीके से बैंक लूटता था। उसके टारगेट पर ग्रामीण इलाके के बैंक होते हैं। पहले वह बैंक की अच्छी तरह रेकी से करता है। फिर एकाएक तीन-चार साथियों के साथ बैंक में घुस जाता है। कैशियर की कनपटी पर पिस्तौल सटा काउंटर का माल लूटने के बाद वहां से भाग निकलते हैं। उसका एक साथी बैंक के बाहर खड़े होकर आने-जाने वाला पर नजर रखता रहता है। वारदात के बाद चंडोस इलाहाबाद बैंक का सीसीटीवी फुटेज देख पुलिस भौंचक रह गई थी। ऐसा लग रहा था मानो किसी हिंदी फिल्म की शूटिंग चल रही हो।


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