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मनमर्जी से डिग्री का नाम नहीं रख सकेंगे विवि

By Edited By: Published: Sat, 12 Jul 2014 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jul 2014 10:54 AM (IST)
मनमर्जी से डिग्री का नाम नहीं रख सकेंगे विवि

जागरण संवाददाता, पटना : अब विश्वविद्यालय डिग्रियों का नाम मनमर्जी से नहीं रख सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद उच्चतर शिक्षा के समस्त स्तरों पर डिग्रियों की विस्तृत नामावलियां जारी की हैं। इनका सभी विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों को अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर नामावलियों के साथ ही न्यूनतम प्रवेश स्तर अर्हताएं भी जारी की हैं। कोर्स की अवधि का भी जिक्र किया है। आयोग ने ऐसी डिग्रियों के नाम का भी जिक्र किया है जो वर्तमान में प्रचलन में हैं परंतु जिनमें न तो पारंपरिक और न ही वास्तविक नये ज्ञान को प्रतिबिंबित करने वाली बात पाई गई है। यूजीसी ने ऐसे कोर्स के नये नाम भी सुझाये हैं जिनका विश्वविद्यालयों को पालन करना होगा। आयोग ने वेबसाइट पर उन सभी डिग्रियों के नाम दिए हैं जिनके नाम बदलने को कहा गया है। इनमें बीबीई, बीबीएम, एफएफसी, एमबीई समेत कई अन्य नाम शामिल हैं। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय डिग्रियों की कोई भी नवीन नामावली प्रस्तावित नहीं करेंगे जबतक कि इसके लिए कोई सशक्त एवं तर्कपूर्ण कारण न हों। यदि कोई विवि एक नवीन नामावली प्रस्तावित करने का इच्छुक है तो ऐसे विनिर्देशन के लिए इस डिग्री पाठ्यक्रम के प्रारंभ करने के न्यूनतम छह माह पूर्व उसे यूजीसी से संपर्क करना होगा। उस डिग्री के प्रारंभ करने के लिए निर्धारित अध्ययन पाठ्यक्रमों का विवरण प्रदान करना होगा जिन्हें विवि के आकदमिक निकायों जैसे कि अध्ययन बोर्ड, अकादमिक परिषद एवं शासी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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कोई भी विवि इस अधिसूचना के प्रावधानों की उल्लंघन की स्थिति में कोई भी डिग्री प्रदान नहीं करेगा। विवि को सुनिश्चित करना होगा होगा की नामावलियों का सख्ती से पालन हो। नये नियमों के अनुपालन के बारे में विवि (सह संबद्ध कॉलेजों) को सारी जानकारी यूजीसी को प्रेषित करनी होगी।

निर्देश का पालन न करने के परिणाम

- दोषी विवि/ सह संबद्ध महाविद्यालय किसी भी अनिर्दिष्ट डिग्री प्रदान करने के लिए कोई पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए निषिद्ध होंगे।

- यूजीसी के आदेश के बावजूद अगर कोई संस्थान अनिर्दिष्ट डिग्री प्रदान करता है तो आयोग इसके बारे में आवश्यक प्रचार-प्रसार करेगा।

- विवि को यह सुनिश्चित करना होगा कि संबद्ध कॉलेज इसका पालन करें। अगर कोई उल्लंघन होता है तो उल्लंघन के अनुसार महाविद्यालयों को असंबद्ध करें।

सुझाए गए कुछ नाम -

वर्तमान - पुनर्गठित :

बीबीएस/ बीबीएम/ बीबीई - बीबीए, बीकॉम, अथवा बीकॉम (आनर्स)

एमएफएम/ एमएफसी - एमबीए (फाइनेंशियल मैनेजमेंट)

एमआइबी/ एमआइबीएम- एमबीए/ एमकॉम (इंटरनेशनल बिजनेस)

एमएचआरडी/ एमएचआरओडी- एमबीए/ एमकॉम (ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट)

एमबीई - एमए/ एमबीए/ एमकॉम (बिजनेस इकोनॉमिक्स)

एमएफए - एमबीए/ एमकॉम (फाइनेंशियल एनालिसिस)

एमएफटी - एमबीए/ एमकॉम (फॉरेन ट्रेड)


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