डीएम कार्यालय के हेड क्लर्क के घर सेक्स रैकेट का खुलासा
पटना : राजधानी पुलिस ने शनिवार दोपहर शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी मोहल्ले में ममता अपार्टमेंट के पीछे स्थित डीएम ऑफिस के हेड क्लर्क शैलेंद्र सिंह के मकान में सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने मौके देह व्यापार में संलिप्त दो युवतियां व ग्राहक राहुल कुमार (बोरिंग रोड निवासी) को धर दबोचा, जबकि संचालक दिलीप सिंह समेत एक युवती व एक युवक भागने में सफल रहे। घर से पुलिस को भारी संख्या में कंडोम, शक्तिवर्द्धक दवाएं, फोटो एलबम आदि आपत्तिजनक चीजें बरामद की है। राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं देह व्यापार करने वाली दोनों युवतियों को पुर्नवास के लिए पुलिस ने एनजीओ के हवाले कर दिया। संचालक व उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। पुलिस कप्तान मनु महाराज को गुप्त सूचना मिली कि शिवपुरी में ममता अपार्टमेंट के पीछे स्थित शैलेंद्र सिंह के मकान के निचले तल पर घर में देह व्यापार चल रहा है। इसके बाद सचिवालय डीएसपी डॉ. मो. शिब्ली नोमानी के नेतृत्व में थानाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह व थाना पुलिस की टीम गठित की गई। टीम में शामिल एक दरोगा ग्राहक बन गया। वहां उसकी मुलाकात दिलीप से हुई। इसके बाद वह उसे फोटो एलबम दिखाने लगा। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद दरोगा ने टीम को छापेमारी के बाबत इत्तिला दे दी। पुलिस के आने की भनक लगते ही दिलीप एक युवक व युवती के साथ पीछे के रास्ते भाग निकला। दिलीप ने शिवपुरी मोहल्ले में काफी खोजबीन करने के बाद हेड क्लर्क का घर चूना था। उसने दस दिन पहले मकान के निचले तल पर दो बेडरूम का फ्लैट 9 हजार रुपए किराए पर लिया था। फ्लैट के एक बेडरूम से बाहर निकलने का रास्ता है, जो सीधे जाकर बेली रोड पर मिलता है। वह एक औरत और छोटे बच्चे को साथ लेकर किराए की बात करने आया था। उसने अपना वोटर आइ-कार्ड किया था, जिसमें पाटलिपुत्र का पता लिखा था। देह व्यापार में संलिप्त युवतियों ने बताया कि दिलीप एक घंटे तक मौज-मस्ती करने के लिए एक ग्राहक से तीन से चार हजार रुपए लेता था। उन्हें प्रति ग्राहक चार सौ रुपया दिया जाता था। इसके अलावा उनके खाने-पीने, रहने और श्रृंगार का खर्च दिलीप वहन करता था। दिलीप लड़कियों को होटलों व पार्टियों में सप्लाई करता था। मौके से पुलिस ने जो एलबम बरामद किया है, उसमें कई लड़कियों की तस्वीर है। मौके से पकड़ी गई लड़कियों के मुताबिक दिलीप रइसजादों को एलबम में लड़कियों की फोटो दिखाता था, फिर ग्राहक की पसंद के अनुसार वह लड़कियों को बताए गए पते पर भेजता था। इसके अलावा इंटरनेट और सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से भी ग्राहक बुलाए जाते थे।