कानूनी पचड़े में फंसे मंत्री
पटना : अश्लील गाने पर वारंट को लेकर जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल के सदस्य व कला, संस्कृति एवं युवा कार्य मंत्री विनय बिहारी कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। विनय बिहारी के खिलाफ आरा की अदालत में मुकदमा चल रहा है।
जानकारी के अनुसार कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर तत्कालीन अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी ने टी-सीरिज सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज के निर्माता दर्शन कुमार, गीतकार विनय बिहारी सहित 13 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश जून 2012 में दिया था। गौरतलब है कि थानान्तर्गत बाबू बाजार मुहल्ला निवासी भोजपुरिया सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह ने गाना में अश्लीलता भरे शब्दों एवं दृश्यों का प्रयोग वीडियो कैसेट में करने को लेकर टी सीरिज सुपर कैसेट इन्डस्ट्रीज के निर्माता दर्शन कुमार, गीतकार विनय बिहारी समेत 13 लोगों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद पत्र 448/08 दाखिल किया था। जांचोपरांत कोर्ट ने 6 जुलाई 2010 को उक्त लोगों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी किया था। इसके बाद 19 दिसंबर 2011 को कोर्ट द्वारा जमानतीय वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी ने उक्त लोगों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया था। न्यायिक प्रक्रिया के तहत बाद में 25 मार्च 2013 को कुर्की जब्ती वारंट जारी किया गया था। इस वारंट पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं इस पूरे प्रकरण पर विनय बिहारी ने कहा है कि मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। मैं तो उपलब्ध हूं। जब कोई नोटिस ही नहीं मिली तो फरार होने का सवाल कहां पैदा होता है। आरा सिविल कोर्ट में दर्ज जिस केस के बारे में मेरे ऊपर गैरजमानती वारंट जारी होने की बात कही जा रही है, वह बिल्कुल बेबुनियाद है। वह केस तो एलबम के निर्माण टी-सीरीज और गुलशन कुमार के छोटे भाई दर्शन कुमार समेत तेरह लोगों पर किया गया था। जिस एलबम पर अश्लीलता का आरोप लगाकर केस किया गया, उसमें उनका लिखा एकमात्र भजन है। उसके स्वर हैं-'अरेराज में शिव विराजे..' इसमें कोई अश्लीलता नहीं है।
विनय बिहारी के मुताबिक 2008 में एलबम निकला था, उसमें गीतकार समेत गायक-गायिका समेत 12 लोग थे। सिविल कोर्ट के वकील प्रभात कुमार सिंह ने एलबम के गीतों को अश्लील बताकर मुकदमा किया था। मगर एलबम के डायरेक्टर जो आरा के निवासी थे, उन पर केस नहीं किया। इतना ही नहीं, टी-सीरीज के मालिक दर्शन कुमार खुद आरा कोर्ट में पेश होने आए थे, तब परिवाद दायर करने वाले वकील ने उनसे समझौता करके मामले को रफादफा भी किया था। यह बात खुद दर्शन कुमार ने उन्हें मुम्बई में बताया था। खैर, केस के बाद उन्हें कभी भी किसी प्रकार की कोर्ट नोटिस नहीं मिला। तीन साल से अधिक समय से विधायक हूं तब उनके विरुद्ध केस की बात नहीं उठी। तीन-चार दिन पहले मंत्री बनते ही इस मामले को विरोधियों द्वारा उछाला गया ताकि मेरी बदनामी हो।