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असहाय बेटियों के लिए मिली सहायता राशि ले भागी मां

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2013 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2013 02:09 PM (IST)
असहाय बेटियों के लिए मिली सहायता राशि ले भागी मां

पटना : महानायक अमिताभ बच्चन ने उनकी मदद की थी। उन्हें उम्मीद थी कि अब इन दो बच्चियों के भविष्य को गरीबी नहीं डंसेगी। लेकिन पता नहीं क्या मजबूरी हुई, माता ही कुमाता बन गई। अमिताभ बच्चन ने बच्चियों की पढ़ाई के लिए जो दो लाख रुपए दिए थे, वह लेकर मां फरार है। बच्चियां पहले रोईं। अब ऐसी मां को भूल जाना चाहती हैं। ये दोनों बहनें हैं रिमझिम (12) और अंजलि (11)। मा ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। पटना केजगतनारायण रोड स्थिति शांति निकेतन स्कूल प्रबंधन ही अब उनका सहारा है।

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प्राचार्य अविनेश्वर प्रसाद सिंह का कहना है कि इन लड़कियों की मा शिखा पाडेय स्वयं को मुजफ्फरपुर की निवासी होने का दावा करती थी। उसने अक्टूबर 2006 में पटना के शाति निकेतन स्कूल में इनका दाखिला करवाया। स्कूल के हास्टल में लड़कियां रहती थीं। उसके बाद मां लापता हो गई। जब दो वर्षो तक दोनों लड़कियों के माता-पिता के बारे में जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने एक टीवी चैनल पर इस संबंध में समाचार प्रसारित करवाया।

प्राचार्य ने बताया कि इस खबर को देखकर अमिताभ बच्चन ने दोनों की मदद करने को ठानी। 27 जनवरी 2008 को पुत्रवधु ऐश्वर्या राय के नाम पर बाराबंकी में एक बालिका स्कूल का शिलान्यास समारोह था। उसी समारोह में अमिताभ बच्चन ने उन बच्चियों की मदद करने की जानकारी भिजवाई थी। इस बात की सूचना मिलते ही लड़कियों की मां शिखा पांडेय अचानक प्रकट हो गईं। वे बच्चियों को लेकर बाराबंकी गईं। स्कूल के प्राचार्य भी उनके साथ गए थे। मंच में केवल शिखा पाण्डेय को ही जाने दिया गया। दो लाख रुपए का चेक उसे ही मिला। अमिताभ बच्चन ने दोनों लड़कियों को गोद में उठाकर पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया था। अभिताभ के अलावा अभिनेता मनोज तिवारी, गायक मीका सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता नफीसा अली ने भी दोनों लड़कियों को मदद का वादा किया था। शिखा पांडेय ने उस समय बताया था कि उसके पति के जेल में होने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। आर्थिक परेशानी के कारण बच्चियों से मिलने नहीं आती थीं।

प्राचार्य का कहना है कि अगले दिन दोनों लड़कियां अपनी मा के साथ स्कूल लौट आईं। शिखा उन्हें वापस ले जाने का वादा कर चेक लेकर रवाना हुई लेकिन फिर नहीं लौटी। प्राचार्य का कहना है कि उनकी मुलाकात अगर अमिताभ से होती है, तो वे निश्चित तौर पर उन्हें इन बच्चियों के साथ हुए इस धोखे से अवगत कराएंगे।

मां के बारे में बात नहीं करना चाहतीं बेटियां : प्राचार्य ने कहा कि कुछ दिनों तक दोनों बहनें रोती रहतीं थी, लेकिन समय बीतने के साथ अब उनके आखों के आसू सूख चुके हैं। वे अब अपनी मा के बारे में बात करना पसंद नहीं करतीं। बड़ी बहन रिमझिम बीमार भी रहती है। उसे मिर्गी के दौरे आते हैं। प्राचार्य के लिए उसकी देखभाल करना मुश्किल हो रहा है।

मुझे मां के पास नहीं जाना : रिमझिम व अंजलि का कहना है कि अब मुझे मां के पास नहीं जाना है। हमलोग यहां ठीक हैं। मां गांव से पढ़ाने के लिए हास्टल लाई थी, लेकिन भूल गई। ऐसी मां से अब कोई मतलब नहीं है। जिस समय उनकी मां ने उन्हें हास्टल में छोड़ा था, उस समय रिमझिम छह एवं अंजलि मात्र चार वर्ष की थी। महानायक ने दोनों बहनों से वादा किया था कि एश्वर्या ग‌र्ल्स स्कूल में दोनों बहनें नि:शुल्क पढ़ाई करेंगी। लेकिन स्थितियां ऐसी बदलीं कि दोनों बहनें सामान्य पठन-पाठन के प्रति मन ही नहीं लगा पातीं।

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