बेतिया मेडिकल कालेज पर बरगला रहे सीएम
जागरण ब्यूरो, पटना : वरीय भाजपा नेता चंद्रमोहन राय व रामेश्वर चौरसिया बुधवार को जदयू एवं उसकी सरकार पर खूब बरसे। चंद्रमोहन के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा नालंदा में बनने वाले मेडिकल कालेज को तरजीह दिए जाने की वजह से बेतिया मेडिकल कालेज की उपेक्षा हुई और उसे एमसीआइ की मान्यता नहीं मिल पाई है। अब मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर लोगों को बस बरगला रहे हैं। रामेश्वर चौरसिया ने आरोप किया कि सरकार नियमों को ताक पर रख सड़क निर्माण में लगी पटेल इंजीनियरिंग कंपनी को फायदा पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर यह कंपनी है किसकी?
चंद्रमोहन ने कहा कि बेतिया, पावापुरी मेडिकल कालेज व आईजीआईएमएस को मान्यता के मुद्दे पर सरकार एमसीआइ की ज्यादती की बात कर रही है। मेरी समझ यह बात सही नहीं है। नीतीश कुमार ने 2007 में नालंदा में नए मेडिकल कालेज का प्रस्ताव तैयार करने को कहा था। मैंने उत्तर बिहार में मेडिकल कालेज की जरूरत पर बल दिया था। बेतिया अस्पताल में तीन सौ बेड व पर्याप्त जमीन की उपलब्धता से यहां मेडिकल कालेज की राह आसान थी। यहां जरूरी सुविधाओं में भी आनाकानी की गयी। पावापुरी मेडिकल कालेज के लिए तमाम सहूलियतें दी गई। नीतीश कुमार को बताना चाहिए क्या वे एक क्षेत्र विशेष के मुख्यमंत्री हैं? उन्होंने आईजीआईएमएस की मान्यता रद होने के लिए सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार बताया।
इधर, चौरसिया ने कहा कि आखिर सरकार पटेल इंजीनियरिंग के प्रति इतना प्रेमभाव क्यों दर्शा रही है? बताना चाहिए कि कंपनी के साथ सरकार का क्या संबंध है? इस कंपनी का मालिक कौन है?
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