ग्रामीण क्षेत्रों में लहलहा रहा गांजा का पौधा
हिसुआ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से गांजे की खेती हो रही है।
नवादा। हिसुआ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से गांजे की खेती हो रही है। खुद सेवन के नाम पर ग्रामीण गांजे की खेती बड़े पैमाने पर अपने घर, दालान, आंगन और घेवारी में कर रहे हैं। विदित हो कि पूरे बिहार में पूर्णत: शराब बंदी हो जाने के बाद नशेड़ी लोग अब चोरी छिपे गांजे की उपज बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। लोग इसका स्वयं उपयोग तो करते हैं ही इस धंधे से इनको गाढ़ी कमाई भी हो रही है। चूंकि ग्रामीण इलाके में पुलिस ज्यादातर नहीं जाती है, सो बेखौफ लोग इसकी खेती और सेवन कर रहे हैं।
प्रखंड के खानपुर, छतिहर, सकरा, मटुक बिगहा, एकनार, मनमा, पचाढ़ा, उड़सा, बलियारी, चिटरघट्टी, सोनसा, दोना, भोला बिगहा, नारपुर पकरिया समेत प्रखंड के लगभग दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां गांजे की खेती लहलहा रही है। प्रशासन का सिर्फ शराब बंदी पर ध्यान है। वे शराब की छापेमारी कर रहे हैं, पर गांजे की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसका फायदा भरपूर उठाया जा रहा है। शराब बंदी के बाद गांजे की मांग बढ़ गई है। अब इसका सेवन युवा पीढ़ी भी करते नजर आ जाते हैं। जहां बड़े लोग चिलम में भरकर सेवन करते हैं वहीं युवा पीढ़ी सिगरेट में भरकर पीते हैं।
हिसुआ के बाजारों में प्रखंड का उपजाया हुआ गांजा धड़ल्ले से बिक रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया कि पुलिस आने की अफवाह से छतिहर और खानपुर गांव में लाखों रुपये मूल्य के गांजे की फसल को काटकर नष्ट किया गया है।