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पुलिस कार्यालय को स्वच्छता से मतलब नहीं

इन दिनों पूरे देश स्व'छता के प्रति जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार स्व'छता को मिशन बनाकर काम कर रही है। लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 03:04 AM (IST)
पुलिस कार्यालय को स्वच्छता से मतलब नहीं
पुलिस कार्यालय को स्वच्छता से मतलब नहीं

नवादा। इन दिनों पूरे देश स्वच्छता के प्रति जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार स्वच्छता को मिशन बनाकर काम कर रही है। लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। बकायदा इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। वहीं समाहरणालय स्थित पुलिस कार्यालय के एकमात्र सार्वजनिक शौचालय की हालत बिल्कुल खराब है। लेकिन इस ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। पुलिस कार्यालय में कार्यरत कर्मी शौच की बारी आई तो घबराने लगते हैं। शौचालय की हालत बिल्कुल जर्जर व गंदा है। वैसे तो कहने को टाइल्स भी बिछा हुआ है। लेकिन स्थिति यह है कि अंदर जाना किसी बीमारी को आमंत्रित करने के सामान है। गंदगी से शौचालय बजबजा रहा है। कई दिनों से सफाई नहीं कराई गई है। शीट टूट गया है। ऐसी स्थिति में पुलिस कार्यालय में कार्यरत कर्मी खुले छत पर ही मूत्र त्याग करते हैं। शौच की स्थिति हुई तो फिर घर भागने की नौबत आ जाती है। सबसे ज्यादा फजीहत महिला पुलिस कर्मियों को उठानी पड़ती है। महिला बलों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

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50 से ज्यादा कर्मी हैं कार्यरत

- समाहरणालय स्थित पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं में 50 से ज्यादा कर्मी कार्यरत हैं। जिनमें महिला कर्मी भी शामिल हैं। इन कर्मियों के लिए एकमात्र शौचालय है। लेकिन वह बिल्कुल जर्जर है। ऐसे में कर्मियों को प्रतिदिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नाम न छापने की शर्त पर कर्मियों ने बताया कि खुले छत पर पेसाब करने की विवशता है। पुरुष कर्मी तो किसी प्रकार इस समस्या से निबट लेते हैं। लेकिन असली फजीहत तो महिला कर्मियों को उठानी पड़ती है।

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कई फरियादी भी पहुंचते हैं

- पुलिस कार्यालय में प्रतिदिन सैंकड़ों लोगों का आना-जाना बना रहता है। कई लोग फरियाद लेकर एसपी कार्यालय पहुंचते हैं। अगर साहब के आने में विलंब हुआ तो कार्यालय के बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ता है। अब अगर शौच की स्थिति उत्पन्न हो गई तो उनके लिए यह पल फजीहत भरा होता है। इतना ही नहीं विदेश शाखा होने के चलते विदेशियों का भी पहुंचना होता है। जानकारी के अनुसार आइवीएफआरटी शाखा में विदेशियों को नवादा पहुंचने की जानकारी इंट्री करानी होती है। ऐसे में अगर कोई विदेशी नवादा आते हैं तो उन्हें पुलिस कार्यालय जाना पड़ता है। अगर किसी को शौच क्रिया से निपटने की जरूरत होती है तो कर्मी उन्हें बताने में असहज महसूस करते हैं कि यहां शौचालय-मूत्रालय की व्यवस्था भी है।


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