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यात्रियों को मिला प्रदूषण मुक्त सवारी का विकल्प

नवादा : जिला मुख्यालय की सड़कें नये बदलाव के साथ एक अलग स्वरूप में दिखने लगी है। हाथ रिक्शा के

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 03:04 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 03:04 AM (IST)
यात्रियों को मिला प्रदूषण मुक्त सवारी का विकल्प
यात्रियों को मिला प्रदूषण मुक्त सवारी का विकल्प

नवादा : जिला मुख्यालय की सड़कें नये बदलाव के साथ एक अलग स्वरूप में दिखने लगी है। हाथ रिक्शा के स्थान पर इ रिक्शा ने बड़ी तेजी से सड़कों पर अपना स्थान बना लिया है। शुरूआती दौर में एक दो रिक्शा का परिचालन आरंभ होने के बाद इसकी फौज खड़ी हो गई है। अब तो यह यात्रियों की जरूरत में शुमार हो गया है। कम चौड़ी सड़कों में आसानी से पहुंचाने के साथ गली मुहल्लों में प्रवेश के कारण नगर वासियों के लिए इ रिक्शा रोजमर्रा की ¨जदगी में शामिल हो गई है। नगरवासियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने में हाथ रिक्शा सक्षम नहीं हो पा रहा था। इसके साथ ही महंगी सवारी होने के कारण सभी के वश से बाहर की बात हुआ करती थी। बुजुर्गों के लिए तो परेशानी का सबब हुआ करता था।

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प्रदूषण मुक्त के साथ तेज होने का मिला लाभ

-प्रदूषणमुक्त होने के साथ तेज होने के कारण इसे लोगों ने तेजी से अपनाने का काम किया। बाजार में लगातार बढ़ते इ रिक्शा की संख्या यह बतलाता है कि यदि लोगों के हित में काम होती है तो लोग इसे बड़ी तेजी से अपनाते हैं। नगर मे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिये हाथ रिक्शा ही सहारा हुआ करता था। अधिक किराया होने के साथ दो तीन सवारी मुश्किल से बैठ पाते थे। इ रिक्शा में पूरे परिवार एक साथ सवारी की सुविधा के साथ भाड़ा कम होने व तेजी से गंतव्य तक पहुंचने के कारण यह पहली पसंद बनी है। बावजूद हाथ रिक्शा का परिचालन जारी है।

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आवागमन में हो रही सुविधा

- नगर के सछ्वावना चौक,अंसार नगर, पार नवादा, पुलिस लाइन,गोनावां, व्यवहार न्यायालय आने-जाने में हाथ रिक्शा से लोगों को 30 से 40 रूपये तक खर्च करने पड़ते थे। नगर में जाम के कारण समय की भी बर्बादी हुआ करती थी। कभी कभी तो रिक्शा को बीच में ही छोड़कर पैदल सफर करना पड़ता था। अब इ रिक्शा के आने से समय के साथ पैसों की भी बचत हो रही है।

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रोजी- रोटी की समस्या आ रही सामने

- इ रिक्शा के आने से जहां शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला है तो हाथ रिक्शा चलाने वालों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या भी उत्पन्न हुई है। वैसे पूर्व से हाथ रिक्शा चलाने वाले कई लोगों ने भाड़े पर इ रिक्शा लेकर चलाना आरंभ किया है। कई ने अपना इ रिक्शा खरीद लिया है, लेकिन सभी के लिये यह संभव भी नहीं है। इस मामले में कई हाथ रिक्शा छोड़ इ रिक्शा चलाने वालों का दोहण भी आरंभ हुआ है। पुलिस से लेकर स्थानीय रंगदारों द्वारा वाहन पार्किंग के नामपर अवैध राशि की वसूली से इ रिक्शा चालक परेशान है। कुल मिलाकर इ रिक्शा नगरवासियों को प्रदूषण मुक्त सस्ती यात्री सुविधा देने में सफल साबित हो रहा है। नगर में इ रिक्शा के परिचालन में लगातार इजाफा हो रहा है तो कइ एजेंसी संचालक ऋण की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे इसकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।


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