मुखर्जी नहीं होते जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं होता : कादरी
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मो. तुफैल कादरी ने कहा है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते तो आज जम्मू-कश्मीर व पश्चिमबंगाल भारत का अंग नहीं होता।
नवादा। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मो. तुफैल कादरी ने कहा है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते तो आज जम्मू-कश्मीर व पश्चिमबंगाल भारत का अंग नहीं होता। इनके पद चिन्हों पर चलकर ही अल्पसंख्यक समेत समाज के तमाम वर्ग के लोगों का विकास संभव है। वे शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शशीभूषण उर्फ बब्लू ने की।
अपने संबोधन में पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. विजय कुमार ¨सहा ने कहा कि वे जन्मे कोलकाता में तथा मात्र 33 वर्ष की उम्र में ही अपनी प्रतिभा के बल पर कोलकाता विश्व विद्यालय के कुलपति बन गए। लेकिन देश प्रेम की भावना ने उन्हें राजनीति में खींच लाया तथा वे सांसद चुन लिए गए। उन्होंने संसद में अपने भाषण में जम्मू कश्मीर से 370 धारा समाप्त करने की वकालत की। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 1953 में जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। तब कश्मीर जाने के लिए भी परमीट की आवश्यकता हुआ करती थी। लेकिन उन्होंने इसका विरोध करते हुए जबरन कश्मीर में प्रवेश करने के क्रम में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उनकी 23 जून 1953 को रहस्यमय मौत हो गई। वे आज भी लोगों के प्रेरणा श्राोत बने हैं।
समारोह को अन्य लोगों के अलावा नवीन केसरी, सुकन ¨सह, जितेन्द्र बब्लू, शिव प्रसाद गुप्ता, महावीर चंद्रवंशी, पप्पु गुप्ता, सुबोध कुमार, संजय चौधरी, भत्तू मांझी, सूर्यनारायण गुप्ता, अनुज ¨सह, अशोक पासवान, जितेन्द्र पासवान, अजय पासवान, अनुज कुमार ¨सह, दिलीप ¨सहा, गोपाल प्रसाद वशिष्ठ, रामानंद ¨सह, दीपक कुमार, प्रवीण कुमार, अजय कुमार भोला आदि ने संबोधित किया।
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जहां हुए बलिदान मु़खर्जी वह कश्मीर हमारा है
नरहट : जहां हुए बलिदान मु़खर्जी वह कश्मीर हमारा है के बुलन्द नारों के साथ शुक्रवार को नरहट प्रखंड के कुशा गांव के पास भाजपा कार्यालय में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। उपस्थित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने इस देश में दो संविधान दो विधान दो निशान नहीं चलने देने का जो संकल्प लिया था उसको साकर करने में अपने प्राणों की आहुति दे दी। कश्मीर में परमिट प्रथा के ़िखला़फ आंदोलन चलाया और उसी दौरान कारावास में संदिग्ध परस्थिति में उनकी मौत हो गई थी। उनके प्राणों की आहूति को भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यकर्ताओं ने उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प के साथ एक स्वर से नारा बुलंद किया जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है। इस मौके पर पंकज कुमार मुन्ना, रामपदारथ ¨सह, जयंत कुमार, उपेन्द्र ¨सह, संजय ¨सह उ़र्फ मांगो ¨सह, राजेन्द्र शर्मा, चन्दन कुमार, सन्तोष वर्मा, सतीश ¨सह, कृष्णा यादव, कारु चौधरी, दयानंद जी, प्रमोद कुमार, विनोद कुमार आदि मौजूद थे।
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मुखर्जी का शहीद दिवस मना
रजौली : रजौली भाजपा मंडल अध्यक्ष रंजीत ¨सह व अमावां मंडल अध्यक्ष शिवशंकर कुमार के संयुक्त नेतृत्व में अमर शहीद डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी का शहीद दिवस रजौली मंडल अध्यक्ष के आवास पर मनाया गया। जिसमें रजौली मंडल अध्यक्ष के द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को डॉ. मुखर्जी की जीवनी के बारे में बताया गया। 1951 ई. में जनसंघ की स्थापना के साथ उनको जनसंघ का प्रथम अध्यक्ष मनोनित किया गया था। उनकी अध्यक्षता में कश्मीर प्रवेश वीजा का विरोध किया गया था। बिना वीजा अटल बिहारी वाजपेयी,पंडित दिनदयाल उपाध्याय, श्याम सुन्दर ¨सह भंडारी को वीजा नहीं रहने कराण कश्मीर से पहले रोक लिया गया था। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जेल भेज दिया गया था। जहां जेल में आज ही के दिन 23 जून 1953 को रहस्यमयी ढंग से उनकी मृत्यु हो गई थी। मौके पर विधान सभा प्रभारी रंजय कुमार,महामंत्री अर¨वद कुमार ¨सह,छोटे लाल ¨सह,मिथलेश राजंवशी, आशा देवी,सोना देवी ,ललीता देवी,सीताराम प्रसाद,मुन्ना ¨सह,भोला राजवंशी,जितेन्द्र प्रसाद मोदी के साथ दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
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अकबरपुर में पुण्य तिथि मनी
अकबरपुर : नेमदारगंज बाजार स्थित मनरेगा भवन परिसर में भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं व नेताओं ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पूण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। मौके पर नेमदारगंज मुखिया उदय कुमार यादव, पंसस सुनील कुमार, पंचगावां मुखिया विनीत कुमार, बरेब मुखिया संतोष कुमार, चंदन कुमार, आदि लोग उपस्थित थे।