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खदान हादसे में मृतकों का नहीं मिला शव

नवादा। रजौली थाने से 80 किलोमीटर दूर सवैयाटांड पंचायत के ललकी में अवैध अभ्रक खदान धंसने से

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 03:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 03:05 AM (IST)
खदान हादसे में मृतकों का नहीं मिला शव
खदान हादसे में मृतकों का नहीं मिला शव

नवादा। रजौली थाने से 80 किलोमीटर दूर सवैयाटांड पंचायत के ललकी में अवैध अभ्रक खदान धंसने से मौत के शिकार हुए मजदूरों के शव की तलाश में मंगलवार को दिनभर रजौली पुलिस जंगलों की खाक छानती रही। लेकिन शव मिलना तो दूर किसी ग्रामीण ने पुलिस को साफ-साफ कुछ बताने से भी इंकार कर दिया। वैसे घटनास्थल पर कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जो पुष्टि करने के लिए काफी था कि यहां हादसा हुआ है।

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उल्लेखनीय है कि सोमवार को खदान धंसने से दो मजदूरों की मौत हुई थी। सूचना के बाद रजौली पुलिस दलबल के साथ शव की खोज में सवैयाटांड स्थित ललकी माइंस पहुंची। खनन क्षेत्र व उसके आसपास के इलाकों में दिनभर खाक छानती रही, पर दोनो मजदूरों के शव का अता-पता नहीं चला। जिसके बाद पुलिस लौट गई। इसके साथ ही मजदूरों की मौत का राज उसी खदान में दफन हो गया। जांच टीम के नेतृत्व कर रहे नवादा के एएसपी अभियान कुमार आलोक ने बताया कि इस जगह पर वृहत पैमाने पर अभ्रक का अवैध खनन किया जा रहा है। ललकी अभ्रक माइंस में दो मजदूर की मौत हुई है ये बात सत्य है, लेकिन इस बारे में कोई ग्रामीण व मृतक के परिजन तक कुछ बताने के लिए सामने नहीं आए। लेकिन हमलोग अपने स्तर से पता करने का कोशिश कर रहे हैं। इस पंचायत में अवैध अभ्रक खनन होने की सूचना हमलोग वरीय पदाधिकारी को देंगे और फिर प्राप्त दिशा-निर्देशों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ललकी माइंस के इर्दगिर्द के जंगलों में एसएसबी के जवानों ने काफी देर तक मजदूर के शव की खोजबीन किया। इस मौके पर एसएसबी के असिसटेंट कमांडेट प्रशांत गौतम, रजौली थानाध्यक्ष सह इंसपेक्टर अवधेश कुमार मौजूद थे।

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दोनों मजदूर आपस में थे रिश्तेदार

-अवैध खदान धंसने से जिन दो मजदूरों की मौत हुई है आपस में समधी बताए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि मृतक हेमन यादव कोडरमा जिले के डोमचांच थाना के सिजुआ के रहने वाले थे। वहीं दूसरे मृतक जमना यादव कोडरमा थाना क्षेत्र के ही सरकारी टांड के रहने वाले थे। मृतक हेमन यादव की पुत्री का विवाह जमना यादव के पुत्र के साथ है। दोनों मृतक सपही में रहकर ललकी माइंस में मजदूरी का काम करते थे। हालांकि पुलिस इन दोनों नामों की पुष्टि नहीं कर रही है। और न ही इनके परिजन कुछ बोलने को तैयार हैं।

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हर मौत पर डेढ़ लाख का मुआवजा

-जानकार बताते हैं कि मृतकों के परिजनों को खनन माफिया के द्वारा डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। अवैध खनन करा रहे माफिआयों ने एक मजदूर की मौत की कीमत डेढ़ लाख रूपये तय कर रखा है।

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मीडिया को मैनेज करने का हुआ प्रयास

-अभ्रक माफियाओं को सोमवार को पता चल गया कि मजदूरों की मौत की खबर मीडिया को मिल गई है। जिसके बाद घबराए मफिया ने आनन-फानन में मीडियाकर्मियों को मैनेज करने के लिए एक मुखिया को सोमवार की देर शाम मोटी रकम देकर भेजा। मुखिया रजौली पहुंचते ही सभी मीडियाकर्मीयों को फोन कर खबर रोकने के एवज में मोटी रकम का प्रलोभन दिया। लेकिन मुखिया की सारी कोशिशें बेकार चली गई। तब मुखिया ने इसकी सूचना माफिया को दिया। जिसके बाद मजदूरों के शव को आनन-फानन में जला दिया गया।


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