फाइल 3 का संशोधित : पुराने मामलों के निपटारे को अदालत हुआ सक्रिय
नवादा : पुराने आपराधिक मामलों का त्वरित निष्पादन को लेकर जिला जज रूद्र प्रकाश मिश्र ने शनिवा
नवादा : पुराने आपराधिक मामलों का त्वरित निष्पादन को लेकर जिला जज रूद्र प्रकाश मिश्र ने शनिवार को अपने कार्यालय कक्ष में बैठक आयोजित किया। जिसमें जिला पदाधिकारी कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक विकास बर्मन, सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद सहित लोक अभियोजक, सरकारी वकील, जिला अभियोजन पदाधिकारी एवं अन्य जिम्मेवार लोग उपस्थित थे। इस मौका पर जिला जज ने कहा कि 5 वर्ष से अधिक पुराने मुकदमों का निष्पादन दिसम्बर 17 तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि मुकदमे से जुड़े सभी पदाधिकारीगण का सहयोग मिलने पर ही यह संभव है। इस दौरान मुकदमे के निष्पादन में आने वाले कठिनाईयों पर भी चर्चा की गई ताकि उसका निराकरण किया जा सके। उपस्थित पदाधिकारीगण को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पांच वर्षों से अधिक समय के 2149 दीवानी तथा 12673 फौजदारी मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं पांच वर्षों से कम अवधि के 6825 दीवानी तथा 38632 फौजदारी मुकदमा लंबित है। बैठक में उपस्थित लोक अभियोजक, जिला अभियोजन पदाधिकारी व अन्य ने मुकदमे के निष्पादन में आने वाली कठिनाईयों पर उपस्थित पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। जिला जज ने कहा कि वे पुराने मुकदमों का निपटारा एक अभियान के तहत करना चाहते हैं ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके। पुराने मुकदमे का त्वरित निष्पादन के लिए सम्बंधित पदाधिकारियों के बीच वाट्सएप ग्रुप बनाने, पीएलभी का इस्तेमाल गवाहों को न्यायालय लाने, जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के द्वारा अभियोजन कोष्ठ बनाने तथा पंच वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों को प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
जिला जज ने जिला पदाधिकारी को पुराने मुकदमों के निपटारा के लिए पयर्वेक्षण करने, लोक अभियोजक तथा सरकारी वकील को आवश्यक दिशा निर्देश देने की जिम्मेवार सौंपी है।
जबकि गवाहों के विरूद्ध जारी सम्मन अथवा वारंट को तामिल कराने, अनुसंधानकर्ता का मोबाइल नम्बर मुकदमे में दर्ज करने, पूर्ण दस्तावेज के साथ अंतिम प्रपत्र दाखिल करने, न्यायालय परिसर में अभियोजन प्रकोष्ठ का गठन करने की जिम्मेवारी एसपी को दी गई।
सभी विभाग के अभियोजन पदाधिकारी व सरकारी वकील को पुराने मुकदमों का सूचि तैयार कर निष्पादन हेतु न्यायालय का ध्यानाकृष्ट करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को गवाहों को बुलाने के लिए पीएलभी को उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी दी गई।
सिविल सर्जन को जख्म प्रतिवेदन के साथ एक्सरे रिपोर्ट एवं अन्य रिपोर्ट पुलिस को सौंपने तथा स्थानांतरित हो चुके चिकित्सा पदाधिकारी का वर्तमान पता की जानकारी देने की जिम्मेवारी सौंपी गई।
बैठक में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश श्रीवास्तव, केके ¨सह, राजेश कुमार, ईश्वर चंद्र चतुर्वेदी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हबीबुल्लाह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रंजीत कुमार, संदीप कुमार मिश्रा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अ¨नदिता ¨सह आदि उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर पुराने मुकदमों का त्वरित निपटारा किए जाने की पहल की जा रही है। मुख्यत: सरकारी गवाहों की गवाही के लिए मुकदमा लंबित रहता है। उन गवाह पदाधिकारी तो जिला से दूसरे जिला चले जाते हैं, लेकिन उनके नए कार्यस्थल की जानकारी की अभाव मुकदमे के निष्पादन में रोड़ा बना रहता है।