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जंगल से विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद

उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्र के भानेखाप जंगल स्थित सुअरलेटी गांव के समीप विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 03:06 AM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 03:06 AM (IST)
जंगल से विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद
जंगल से विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद

नवादा। उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्र के भानेखाप जंगल स्थित सुअरलेटी गांव के समीप विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। पटना व रजौली एसटीएफ ने शनिवार की रात संयुक्त छापामारी कर यह सफलता हासिल की है। एएसपी अभियान कुमार आलोक ने बताया कि 75 जिलेटिन, 26 डेटोनेटर व दो बंडल नक्सली साहित्य बरामद किए गए हैं। एसटीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना एसटीएफ को नक्सली कमांडर आइईडी एक्सपर्ट प्रद्युम्न शर्मा के जंगल में होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद पटना व रजौली की एसटीएफ ने जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरु किया। जिसमें विस्फोटक व नक्सली साहित्य बरामद किए गए। लेकिन नक्सलियों का अता-पता नहीं चला। बरामद सामान को रजौली थाना की पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है।

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भानेखाप जंगल बना है नक्सलियों का सेफ जोन

- रजौली थाना के भानेखाप जंगल का इलाका नक्सलियों का सेफ जोन बना हुआ है। बरामद विस्फोटक व नक्सली साहित्य से इस बात की पुष्टि होती है कि जंगल में नक्सलियों ने डेरा डाल रखा है। नक्सली कमांडर प्रद्युम्न अपने साथियों के साथ इसी इलाके में रहता है और नक्सली गतिविधियों को चलाता है। सुदूरवर्ती इलाका, घना जंगल व पहाड़ी इलाका नक्सलियों को मददगार साबित हो रहा है। फुलवरिया डैम पार कर पुलिस भी सतत कार्रवाई करने से कतराती है। वैसे भानेखाप जंगल जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। लिहाजा जबतक पुलिस वहां पहुंच कर छापामारी शुरु करती है तबतक नक्सली भाग निकलते हैं।

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एक महीने के अंदर तीसरी बार हुई छापामारी

- नक्सलियों की टोह में रजौली के जंगलों में महीने के अंदर तीसरी बार छापामारी की गई है। 21 जुलाई को एसटीएफ व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुआ था। लेकिन तब भी नक्सली कमांडर प्रद्युम्न भागने में सफल रहा था। सूत्र बताते हैं कि माइका कारोबारी नक्सलियों को शरण देते हैं और नक्सलियों की आड़ में अवैध खनन कर राजस्व को चूना लगाते हैं। पुलिसिया कार्रवाई की सूचना भी नक्सलियों तक पहुंचाई जाती है। बहरहाल, लाख प्रयास के बावजूद नक्सली कमांडर प्रद्युम्न को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।


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