Move to Jagran APP

संतुलित आहार से पशु रहेंगे स्वास्थ्य : डॉ. धनंजय

पशुपालक अपने पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन कराएं। साथ ही समय पर टीकाकरण भी अवश्य कराएं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 03:04 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 03:04 AM (IST)
संतुलित आहार से पशु रहेंगे स्वास्थ्य : डॉ. धनंजय
संतुलित आहार से पशु रहेंगे स्वास्थ्य : डॉ. धनंजय

नवादा। पशुपालक अपने पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन कराएं। साथ ही समय पर टीकाकरण भी अवश्य कराएं। पशुपालकों को पशुशाला की साफ-सफाई एवं जीवाणु रहित बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही संतुलित आहार के रूप में मकई का दर्रा 45-50 किलोग्राम, खल्ली 20 किलोग्राम, चोकर 8-10 किलोग्राम, चुन्नी 8-10 किलोग्राम, राइस ब्रॉन 5-7 किलोग्राम, खनिज मिश्रण 2 किलोग्राम, हरा चारा 25-30 किलोग्राम, नमक 1-2 किलोग्राम एवं गुड़ या मीठा 2-3 किलोग्राम प्रतिमाह मवेशियों को अवश्य दिया जाना चाहिए। इसके अलावा समय पर कृमिनाशक दवा का प्रयोग व पशुओं का टीकाकरण करना जरूरी है। तभी पशुओं को स्वस्थ्य व निरोग रखा जा सकता है। यह बातें दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में बुधवार को जागरण कार्यालय पहुंचे कृषि विज्ञान केंद्र, ग्राम निर्माण मंडल सेखोदेवरा, कौआकोल पशुपालन विभाग के वैज्ञानिक डॉ. धनंजय कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार के साथ पशुपालकों को बरसात शुरू होने के पहले व समाप्त होने के बाद साल में दो बार पशुओं का टीकाकरण कराना जरूरी है। इससे बरसात के दिनों में पशुओं में होने वाले खासकर गलाघोंटू, जहरवाद समेत अन्य बीमारी की संभावना पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है। इसके अलावा पशुपालकों को बरसात के दिनों में अपने पशुओं को जलजमाव वाले स्थान पर चरने के लिए नहीं ले जाना चाहिए। इन स्थानों पर चरने से जीवाणु जनित बीमारी होने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा उन्होंने पशुओं में होने वाली बीमारियों से बचाव को लेकर कई तरीके बताए। इस दौरान जिले के पशुपालकों ने फोन पर संपर्क कर पशुओं के बीमारी से संबंधित कई सवाल पूछे। लोगों द्वारा पूछे गए सवाल का डॉ. धनंजय कुमार ने जवाब देते हुए उचित परामर्श दिया।

loksabha election banner

-------------------------------------------------

पशुओं के प्रमुख बीमारी के लक्षण व उपाय

- बरसात के दिनों में पशुओं में खासकर गलाघोंटू बीमारी होने की ज्यादा संभावना बनी रहती है। पशुओं में यह बीमारी होने के बाद जबड़ा के नीचे फूलना,तेज बुखार आना, सांस लेने में समस्या व अंत में मुंह फाड़कर का सांस लेना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

उपाय- पशुओं में इन बीमारियों के लक्षण दिखते ही सबसे पहले नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव को लेकर पशुओं को टीकाकरण अवश्य कराएं। साथ ही जलजमाव के स्थान पर पशु को न चराएं।

---------------

जहरवाद- यह बीमारी जीवाणु जनित है। इस बीमारी में पशुओं के पैर का मांस सड़ जाना, छूने पर करकर आवाज आना प्रमुख लक्षण हैं।

उपाय- पशुओं में इस तरह की समस्या उत्पन्न होने पर सबसे पहले नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए। साथ ही समय से पशु को टीकाकरण करना चाहिए।

-----------------------------------------------

सवाल व जवाब के प्रमुख अंश

सवाल- एक गाय है चरने के लिए बाहर निकालने पर धूप से छाया में भाग जाती है। इसके लिए क्या उपाय करें।

बुंदेल मांझी, सीतारामपुर, नारदीगंज।

जवाब- मौसम के प्रभाव की वजह से आपका जानवर ऐसा कर रहा है। यह कोई बीमारी नहीं है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। फिलहाल उसे सुबह व शाम स्नान कराएं। समस्या समाप्त हो जाएगी। साथ ही अपने पशु को घर से बाहर न निकालें।

-----------------------------------------------

सवाल- गाय को बुखार लग गया था। इलाज कराने के बाद तीन दिनों से खाना नहीं खा रही है। और दूध भी काफी कम हो गया है। इसके लिए क्या उपाय करें।

अशोक कुमार, हिसुआ।

जवाब- सबसे पहले अपनी गाय को लीवर टॉनिक लिवोटास दें। साथ ही रूमेनएफस बोलस का प्रयोग करें। 15-20 दिन के बाद दोबारा एक डोज दें। इसके अलावा एपेटाइजर भूख लगने की दवा के साथ प्रतिदिन 40-50 लीटर पानी अवश्य पिलाएं। अपने पशु को प्रतिदिन 50 ग्राम नमक, 50-70 ग्राम मिनिरल मिक्चर व संतुलित आहार का सेवन कराएं। कृमिनाशक दवा का अवश्य खिलाएं। इससे बहुत जल्द आराम मिल जाएगा और दूध भी बढ़ जाएगा।

-----------------------------------------------

सवाल- मेरे गाय के पैर में जख्म हो गया है। इलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं हो पा रहा है। इसके लिए क्या उपाय करें।

केदार प्रसाद, गो¨वदपुर।

जवाब- इस तरह की समस्या जानवरों में हमेशा उत्पन्न होते रहती है। ऐसी समस्या उत्पन्न होने पर सबसे पहले जानवर को जमीन पर लिटाकर तारपिन का तेल रूई में लगाकर जख्म वाले स्थान पर लगा दें। साथ ही पोटैशियम परमैगनेट 1 ग्राम सुसुम गर्म पानी में डालकर पैर को साफ करें। इसके अलावा डीसी 2.5 ग्राम पाउडर को जख्म वाले स्थान पर लगाएं। इससे बहुत जल्द आराम मिल जाएगा।

--------------------------------------------------

इन्होंने भी पूछे सवाल

धर्मेंद्र कुमार- पंडपा, नारदीगंज।

अशोक कुमार- मकनपुर, वारिसलीगंज।

महेश कुमार- नरहट।

राजेश कुमार- रोह।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.