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नवजात शिशुओं के इलाज को लोगों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित वातानुकूलित न्यू बॉर्न केयर यूनिट भवन का रविवार को डीएम मनोज कुमार ने फीता काटकर उद्धाटन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 03:03 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 03:03 AM (IST)
नवजात शिशुओं के इलाज को लोगों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर
नवजात शिशुओं के इलाज को लोगों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

नवादा। सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित वातानुकूलित न्यू बॉर्न केयर यूनिट भवन का रविवार को डीएम मनोज कुमार ने फीता काटकर उद्धाटन किया। इस दौरान उन्होंने नवजात शिशुओं की इलाज के लिए बनाए गए यूनिट के सभी कक्ष का जायजा लिया। साथ ही उपस्थित अस्पताल के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार द्वारा प्रदत सुविधाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने नवनिर्मित सभाकक्ष का फीता काटकर उद्घाटन किया। सभाकक्ष के उद्घाटन के बाद डीएम ने कहा कि नवादा जिले में नवजात शिशु जन्म के बाद अधिकांश कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। कुपोषण के कारण वे गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं। जिनके इलाज के लिए शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं थी। लोगों को बाहर जाना पड़ता था। अब वैसे बच्चों का इलाज यहां संभव है।

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गंभीर रूप से बीमार बच्चों का होगा इलाज : अस्पताल प्रबंधन के प्रयासों से राज्य सरकार द्वारा गंभीर रूप से बीमार बच्चों की इलाज हेतु सदर अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर यूनिट की सुविधा प्रदान की गई है। अब गंभीर रूप से बीमार नवजात बच्चों के इलाज के लिए शहर के लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीएम ने सदर अस्पताल के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को न्यू बॉर्न केयर यूनिट में लगाए गए मशीनों का सही से रखरखाव करने का निर्देश दिया। इस दौरान सीएस डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने शुरुआत किए गए यूनिट से संबंधित विस्तार से जानकारी दी। साथ ही जिले के लोगों को हरसंभव सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया। मौके पर उपाधीक्षक डॉ. रामनंदन प्रसाद, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. जगदीश शर्मा, डॉ. उमेश चंद्र, डॉ. विमल प्रसाद ¨सह, डॉ. प्रभाकर ¨सह, डॉ. एसकेपी चक्रवर्ती, डॉ. मधु सिन्हा, डॉ. सुधा शर्मा, डॉ. नीलम कुमारी समेत राज्य स्वास्थ्य समिति के कई पदाधिकारी व अस्पताल के सभी कर्मचारी मौजूद थे।

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करीब 75 लाख रुपये हुए खर्च

- सदर अस्पताल के डीपीएम डॉ. एसकेपी चक्रवर्ती ने बताया कि न्यू बॉर्न केयर यूनिट वातानुकूलित भवन का निर्माण करीब 25 लाख की लागत से की गई है। साथ ही नवजात शिशुओं के इलाज के लिए केंद्र में करीब 50 लाख की कम्प्यूटराइज मशीनें लगाई गई है। जिसमें बच्चों के जांच से लेकर समुचित इलाज की सुविधा है।

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12 बच्चों के इलाज की है व्यवस्था

- इस केंद्र में गंभीर रूप से बीमार 12 नवजात शिशुओं के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई। जिसके लिए 12 बेड व इलाज के लिए उपकरण लगाए गए हैं।

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किन बच्चों का होगा इलाज

- सीएस डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि इस केंद्र में 0-28 दिन के वैसे नवजात शिशु जो गंभीर रूप से बीमार और शारीरिक रुप से काफी कमजोर रहेंगे, उनका इलाज निश्शुल्क किया जाएगा। राज्य सरकार से उपलब्ध सभी सुविधा प्रदान की जाएगी।

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इलाजरत बच्चे के अविभावक नहीं जाएंगे अंदर

- इस केंद्र में बच्चे को इलाज हेतु दाखिल कराने के बाद साथ में रहने के लिए अविभावकों को अंदर में रहने की इजाजत नहीं होगी। केवल बच्चे को स्तनपान के लिए उनकी माता को स्तनपान कक्ष के अंदर जाने दिया जाएगा। साथ ही स्तनपान कराने के बाद उन्हें भी बाहर में रहना होगा। जरुरत के अनुसार अस्पताल के चिकित्सक व कर्मी बच्चे के अविभावक से संपर्क कर सूचना देंगे। साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी देने का काम करेंगे।

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यूनिफॉर्म में दिखे डॉक्टर व कर्मी

- डीएम के आगमन को लेकर सदर अस्पताल के तमाम चिकित्सक व नर्स अपने-अपने यूनिफॉर्म में देखे गए। आमतौर पर सदर अस्पताल में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। सामान्य दिन अस्पताल पहुंचने पर पता ही नहीं चलेगा कि कौन चिकित्सक हैं और कौन स्वास्थ्यकर्मी। लिहाजा उनका यूनिफॉर्म में होना चर्चा का विषय बना था। साथ ही अस्पताल परिसर भी काफी चकाचक दिखा। डीएम के पहुंचने से पहले अस्पताल की अच्छी तरह से सफाई कराई गई थी। बेड पर सतरंगी चादर बिछे हुए थे। स्वास्थ्यकर्मी बीच-बीच में मरीजों का हालचाल भी लेते नजर आए। कुल मिलाकर सदर अस्पताल का ²श्य पूरी तरह बदला हुआ था। ऐसे में लोगों का कहना था कि प्रतिदिन डीएम अस्पताल आएं, ताकि व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनी रहे।


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