बारह आशा कार्यकर्ता हुईं चयनमुक्त
प्रमंडलीय आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर सहित आशा व एएनएम के कार्यों का मूल्यांकन शुरु कर दिया गया।
नवादा। प्रमंडलीय आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर सहित आशा व एएनएम के कार्यों का मूल्यांकन शुरु कर दिया गया। इसके तहत कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को ओपीडी में कम से कम 40 मरीजों को देखना है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कुछ डॉक्टर ओपीडी में काफी कम मरीज देख रहे हैं तो कुछ डॉक्टर काफी अधिक। इससे पता चलता है कि काम करने वाले डॉक्टरों से ही ज्यादा काम लिया जा रहा है। ओपीडी में कम मरीज देखने वाले आठ चिकित्सकों को चिन्हित किया गया है और उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि ओपीडी, ऑपरेशन व फैमली प्ला¨नग के आधार पर डॉक्टरों के कार्यों का मूल्यांकन होगा। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयुक्त ने बताया कि डॉक्टरों की तरह आशा व एएनएम के कार्यों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके तहत बिचौलिया प्रवृत्ति वाली आशा कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायतें प्राप्त हो रही है कि कई आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल के बजाए निजी अस्पतालों में पहुंचा रही हैं। सभी बीसीएम को निर्देश दिया गया है कि ऐसी आशा कार्यकर्ताओं को चिन्हित करें। उन्होंने बताया कि फिलहाल 37 आशा कार्यकर्ता चिन्हित की गई हैं। जिसमें 12 को चयनमुक्त कर दिया गया है जबकि 25 से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। स्पष्टीकरण में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें भी चयनमुक्त किया जाएगा। इसी तरह एएनएम के कार्यों का मूल्यांकन हो रहा है। उन्होंने बताया कि समीक्षा में पाया गया कि प्रसव के दौरान बच्चों की मौत हो रही है। यह काफी गंभीर स्थिति है। इससे पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं का सही तरीके से देखरेख नहीं किया गया। लिहाजा अचानक डिलीवरी के वक्त डॉक्टर भी कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन का ²ष्टिगोचर परिणाम देखने को मिलेंगे।