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सरस्वती पूजा को लाइसेंस लेना जरूरी

संवाद सहयेागी, रजौली (नवादा) : रजौली थाना क्षेत्र में सरस्वती पुजा करने वाली कमेटियों को ल

By Edited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 10:17 PM (IST)
सरस्वती पूजा को लाइसेंस लेना जरूरी

संवाद सहयेागी, रजौली (नवादा) : रजौली थाना क्षेत्र में सरस्वती पुजा करने वाली कमेटियों को लाइसेन्स लेना जरूरी होगा। अश्लील गाना बजाने पर डीजे साउण्ड को जब्त कर लिया जायेगा। रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर कार्रवाई होगी। थानाध्यक्ष इन्सपेक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने सरस्वती पुजा कमिटि के सदस्यों को बताया कि सरस्वती पुजा करने के लिए लाइसेन्स बनाना जरूरी है। इसके लिए थाना में आवेदन देना होगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, डीजे और लाउडस्पीकर बजाने के लिए एसडीओ से अनुमति लेना होगा। जो पुजा कमिटि वाले अनुमति नहीं लेंगे उनके उपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।-----------------------------------

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हमारा गांव हमारी योजना के तहत ग्राम सभा आयोजित

संवाद सहयेागी, रजौली (नवादा) : रजौली प्रखण्ड के पूर्वी पंचायत की उत्क्रमित मध्य विद्यालय नीमाटॉड़ में मुखिया गीता देवी की अध्यक्षता में हमारा गांव, हमारी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 का ग्राम सभा आयोजित की गई। जिसमें वार्ड संख्या 01 से 12 तक के सभी वार्ड सदस्यों ने अपने-अपने वार्ड की योजनाएं शामिल की एवं सभी वार्ड के ग्रामीणों को भी योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। इस मौके पर उप मुखिया अंचला कुमारी ¨सहा, पंचायत सचिव, कृषि सलाहकार राजीव कुमार, जीविका के केवीपीएम अनुपम कुमार, ग्रामीण आवास सहायक मो. रिजवान, सुरेश साव, मोकिल खान, सुदामा देवी उपस्थित थी।-------------------------------

बच्चों के नाम पर गुरूजी खा रहे है खिचड़ी

संवाद सहयेागी, रजौली (नवादा) : रजौली में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत जंगली क्षेत्र स्थित सिमरातरी, बाराटांड़, सतगीर के प्राथमिक विद्यालय की है। हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर बाराटॉड़ स्थित प्राथमिक विद्यालय में मध्याहन भोजन योजना चारागाह बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जब गुरूजी ही विद्यालय नहीं आते हैं तो बच्चे क्या आयेंगे। इसलिए गरीब परिवार पेट काटकर शिक्षा के लिए अपने बच्चों को पास के सपही के प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को विद्यालय का जायजा लिया गया। वहां कमरे में कोई गुरूजी नहीं थे। उस वक्त विद्यालय में एक भी बच्चा नहीं था। इस बीच ग्रामीण भी पहुंच गये और अधिकारी समझकर शिक्षक के खिलाफ शिकायत गिनानी शुरू कर दी। सरफराज एवं विन्देश्वरी ने कहा कि समय पर शिक्षक के आने की बात तो दूर यहां शिक्षक आते ही नहीं है। इस बीच वहां पहुंचे एक शिक्षक ने कहा कि हम कल भी विद्यालय आये थे और आज भी विद्यालय आये हैं। बच्चों को बुलाने भेजा गया है। दो-चार दिन से मध्याहन भोजन बंद है। लेकिन नियमित चलता है। अब सवाल लाजमी है कि विद्यालय में बच्चे आते ही नहीं है तो मध्याहन भोजन कौन खाता है।


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