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कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की जयंती पर सेमिनार

नवादा। कथा सम्राट गरीबों के मसीहा तथा अंग्रेजों के विरूद्ध अपनी कलम से आग उगलने वाले मुंशी प्रेमचन्द

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 08:31 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 08:31 PM (IST)
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की जयंती पर सेमिनार

नवादा। कथा सम्राट गरीबों के मसीहा तथा अंग्रेजों के विरूद्ध अपनी कलम से आग उगलने वाले मुंशी प्रेमचन्द की जयंती शुक्रवार को नगर के वरीय नागरिक संघ कार्यालय में डा.श्रीनन्दन शर्मा की अध्यक्षता में मनायी गयी। मौके पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। डा. शर्मा ने कहा कि प्रेमचन्द का साहित्य राष्ट्रीय साहित्य है। उन्होंने अपने साहित्य में दलितों को सम्मान दिलाने के साथ उनकी समस्याओं व पीड़ा को स्थान दे अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने के साथ समाज में चेतना लाने का काम किया।

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सरयू प्रसाद सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे पूंजीवाद के घोर विरोधी होने के साथ गरीबों,किसानों व मजदूरों के लेखक थे। यही कारण है कि उन्हें समाजवाद का भारत में जनक मानने से कोई गुरेज नहीं करता। डा.ओंकार निराला ने कहा कि प्रेमचन्द की कहानियां पंच परमेश्वर,बड़ों घर की बेटी,गबन व कफन आज के समय में भी प्रासंगिक है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं को अनिवार्य रूप से पढ़ाने पर बल दिया। सेमिनार को शिवबालक महतो,कार्यानन्द शर्मा,गौरीशंकर,अंजनी दीक्षित,बच्चु सिंह,दीनदयाल,भोलानाथ दीक्षित गोपालशरण,बी के शर्मा आदि ने संबोधित किया।


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