कवि सम्मेलन में आज बहेगी कविता की रसधारा
जागरण संवाददाता, नवादा : ''कभी दिवाना कहता है तो कभी पागल समझता है, मगर धरती की बेचैनी को बस बा
जागरण संवाददाता, नवादा :
''कभी दिवाना कहता है तो कभी पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल ही समझता है।
तू मुझसे दूर कैसे है, मैं तुझसे दूर कैसा हूं।
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।।''
इन पंक्तियों को सुनने के लिए दिल थाम कर इंतजार कर रहे जिलेवासी तैयार हो जाएं। इंतजार की घड़ियां खत्म होने को है। आज की शाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि आपसे सीधे रूबरू होंगे और आप इस यादगार व ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे। नगर के गांधी इंटर विद्यालय में दैनिक जागरण व दिल्ली पब्लिक स्कूल नवादा का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन शाम 6 बजे से शुरु होगा। आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमिट छाप छोड़ने वाले कवि प्रो. विश्वास कुमार, विवाह फिल्म के संवाद लेखक आसकरण अटल, हास्य व्यंग्य के मशहूर कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, सरदार मंजीत सिंह, महेंद्र अजनबी, प्रसिद्ध गजल गायिका व टीवी कलाकार डा. सुमन दुबे, नामचीन शायर प्रो. वसीम बरेलवी अपनी रचनाओं श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।
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ये हैं कार्यक्रम के सहयोगी
- दिल्ली पब्लिक स्कूल - मुख्य प्रायोजक
- आदर्श होम डेवलपर्स - एसोसिएट प्रायोजक
- आरपीएस कान्वेंट पब्लिक स्कूल - को-स्पांसर
- ब्राइट माइंडस एंड आईएसएल - को-स्पांसर
- सहयोगीगण
- सीमा आटोमोबाइल (यामहा शो रूम)।
- फ्रंट लाइन पब्लिक स्कूल।
- मानस भारती एडुकेशनल कांप्लेक्स।
- जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल।
- बीपीएस पब्लिक स्कूल।
- ज्ञान भारती माडर्न रेसिडेंसियल कांप्लेक्स, धनवां।
- सूर्या आटोमोबाइल, नवादा।
- ब्लेश इंटरनेशनल स्कूल, माखर।
- बुद्धा आईटीआई, नवादा।
- प्रगति फाउंडेशन।
- होरिजोन इंस्टीच्यूट आफ इंफोरमेशन, नवादा।
- विकास एकडेमी, नवादा।
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आकर्षण का केंद्र होंगे प्रो. कुमार विश्वास
- कोई दीवाना कहता है तो कोई पागल समझता है..। इन पंक्तियों के रचनाकार मशहूर कवि व आप के वरिष्ठ नेता प्रो. कुमार विश्वास किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इनका जन्म 10 फरवरी 1970 को गाजियाबाद में हुआ। विश्वास ने साहित्य में स्नातकोतर किया। कौरवी लोकगीतों में लोक चेतना विषय पर पीएचडी की। देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेशों में अमेरिका, दुबई, सिंगापुर, आबुधाबी, नेपाल आदि में भी कार्यक्रम हुआ है।
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प्रो. वसीम बरेलवी।
- देश के मशहूर शायरों में एक प्रमुख नाम है प्रो. वसीम बरलेवी। अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिल पर राज करते आ रहे हैं।
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पद्मश्री डा. सुरेंद्र दुबे
- देश के प्रमुख हास्य कवियों में एक। रचनाएं लोटपोट कर देने वाली। छत्तीसगढ़ प्रांत के बेमेतरा दुर्ग में डा. सुरेंद्र दुबे का जन्म हुआ। इन्हें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा सम्मान, अमेरिका के राज्य गर्वनर श्री बाब टफ द्वारा लीडिंग इंडियन पोएट का सम्मान, मरकट ओमान में भारत के राजदूत द्वारा श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान, न्यूयार्क में कोंसलवास में राष्ट्रपति बराक ओबामा पर लिखित कविता के लिए सम्मान दिया गया है।
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आसकरन अटल
- चर्चित फिल्म विवाह के संवाद लेखन करने वाले आसकरण अटल अपनी रचनाओं से ओतप्रोत करेंगे। हास्य व्यंग्य के साथ ही बुफे संस्कृति पर कटाक्ष करने में माहिर हैं। इनकी रचनाओं को सुनने वक्त अपने स्थान से उठने का मन ही नहीं करता।
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डा. सुमन दुबे
- देश के मंचीय कवि सम्मेलनों के प्रमुख कवयित्रियों में डा. सुमन दुबे प्रमुख नाम है। टीवी कार्यक्रमों में भी ख्याति प्राप्त हैं। गाजीपुर में जन्म लेने वाली सुमन दुबे जब श्रृंगार रस की रचनाओं का पाठ करती हैं तो श्रोता झूम उठते हैं।
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महेंद्र अजनबी
- प्रमुख हास्य कवियों में शुमार महेंद्र अजनबी। देश-विदेश में अपनी रचनाओं से श्रोताओं को प्रभावित किया है। ओम प्रकाश साहित्य सम्मान, काका हाथरसी हास्य रत्न, हिंदी साहित्य एकेडमी अवार्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
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मंजीत सिंह
- हरियाणा के नारनौल में जन्मे मंजीत सिंह देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रचनाओं का पाठ कर चुके हैं। साथ ही थाईलैंड, दुबई, मरकट, जकार्ता, टोरंटो, अमेरिका आदि देशों में कवि सम्मेलन में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दे चुके हैं।
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