बस की छत पर बीसीसीएल कर्मी की मौत
संवाद सूत्र,पकरीबरावा(नवादा): झारखंड से बस पर सवार होकर गांव पकरीबरावां थाना क्षेत्र के पिपरा पोखर
संवाद सूत्र,पकरीबरावा(नवादा):
झारखंड से बस पर सवार होकर गांव पकरीबरावां थाना क्षेत्र के पिपरा पोखर आ रहे एक व्यक्ति की संदेहास्पद मौत हो गई। जानकारी के बाद पुलिस शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दी। बस को जब्त कर लिया गया है।
बताया जाता है कि पिपरापोखर निवासी 40 वर्षीय राजेन्द्र चौहान झारखंड के झरिया थानान्तर्गत गोपालीचक में बीसीसीएल में नौकरी करते थे। वे रविवार की रात गांव आने के लिए झरिया में अरमान नामक बस पर सवार हुए। वे बस के उपर बैठे थे। बस सोमवार की अहले सुबह पकरीबरावा पहुंची और जमुई जिला के सिकन्दरा तक गई। पुन: सिकन्दरा से गंतव्य के लिए प्रस्थान कर पकरीबरावा लगभग नौ बजे पहुंची। लेकिन तबतक किसी बस कर्मी को पता नहीं चला कि उपर में कोई मृत है। पकरीबरावां से बस जब झरिया के लिए चली और लगभग पाच किलोमीटर दूर डुमरावा मोड़ के समीप पहुंची तो वहां कुछ यात्री बस की छत पर चढ़े। छत पर चढ़े यात्रियों ने राजेंद्र को सोया समझकर जगाने का प्रयास किया तो शरीर में हलचल नहीं देख सूचना बस के कर्मियों को दी। तब पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। बस की छत पर शव होने की खबर यात्रियों तक पहुंची तो कोहराम मच गया। सूचना पकरीबरावा पुलिस तक पहुंची। तब वहां पहुंची पुलिस बस को लिए एसडीपीओ कार्यालय के पास पुहंचे। जहा से उसके परिजनों को खबर दी गई। पहुंचे परिजन शव को देखते ही दहाड़ मारकर रोने लगे। इसके बाद पुलिस ने औपचारिकताएं पुरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दी। वहीं बस को थाना लाया गया है।
थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि मामले की जाच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता सकेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही जाच को आगे बढ़ाया जायेगा। तमाम बिन्दुओं पर जाच की जाएगी।
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-मौत से यात्रियों में रही हड़कम्प
पकरीबरावा : बस की छत पर शव पाये जाने के बाद यात्रियों में हड़कम्प मच गया था। यात्री उसे बस से आगे सफर करने को तैयार नहीं थे। वैकल्पिक व्यवस्था होने तक लोग एसडीपीओ कार्यालय परिसर में ही अपने-अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ बैठे रहे। लोग बस कर्मियों की लापरवाही की चर्चा कर रहे थे। मौत से ज्यादा चर्चा इस बात की थी यात्री बस की छत पर चढ़ा तो उसपर निगरानी क्यों नहीं की गई। लोग सीट से ज्यादा यात्रियों को बस पर चढ़ाने के लिए मालिक व चालक को कोस रहे थे।