ड्राइविंग लाइसेंस व आनर बुक के लिए करना होगा इंतजार
संवाद सहयोगी,नवादा: जिले के नए वाहन स्वामियों को आनर बुक व चालकों को लाइसेंस के लिए लम्बा इंतजार करन
संवाद सहयोगी,नवादा: जिले के नए वाहन स्वामियों को आनर बुक व चालकों को लाइसेंस के लिए लम्बा इंतजार करना होगा। हा विकल्प के तौर पर उन्हें पेपर मोड में दस्तावेज उपलब्ध करा दिये जाएंगे जिसकी अवधि छह माह की होगी। जबतक स्मार्ट कार्ड उन्हें उपलब्ध नहीं हो जाता अपने दस्तावेजों को संभाल कर रखना होगा। छह माह बाद उन्हें स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा। हालाकि छह माह में उपलब्ध हो जाएगा इसकी भी कोई गारंटी नहीं है।
फिलहाल जिले में अभी कई ऐसे वाहन मालिक हैं जिन्होंने महीनों पूर्व वाहन की खरीदारी तो कर ली लेकिन उन्हें निबंधन कराने के लिये परिवहन विभाग में इंतजार करना पड़ रहा है। यही स्थिति वाहन चलाने के इच्छुकों की भी है। उन्हें लर्निंग लाइसेंस तो मिल गया लेकिन स्थायी लाइसेंस व स्मार्ट कार्ड के लिये लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। वाहन मालिकों की त्रासदी यह है कि उन्हें निबंधन के अभाव में रोड परमिट तक नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी परेशानिया दूनी हो गयी है। ऐसे लोगों के लिए फिलहाल पेपर मोड में कागजात उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था परिवहन विभाग ने की है।
स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी विभाग ने निजी एजेंसी के हवाले कर रखी थी,लेकिन एजेंसी द्वारा समय पर कार्ड उपलब्ध न कराये जाने के कारण विभाग को परेशानी हो रही थी। आये दिन विभाग को कभी स्मार्ट कार्ड तो कभी प्रिंटर का रिबन उपलब्ध न कराये जाने के कारण परेशान होना पड़ रहा था। ऐसी स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस व आनर बुक का स्मार्ट कार्ड नहीं बन पा रहा था। पिछले तीन माह से परिवहन कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते लोग थक चुके हैं। हालात यह है कि वाहनों को भाड़ा पर चलाने वाले लोगों के खरीदे गये वाहन आज भी उनके दरवाजे पर खडे़ हैं। कारण स्पष्ट है बगैर निबंधन के रोड परमिट नहीं मिलता और बगैर रोड परमिट वाहन चलाया नहीं जा सकता। ऐसे वाहनों की संख्या एक-दो नहीं सैकड़ों में है। दोपहिया वाहन स्वामी एएफ लिखकर वाहन चला तो रहे हैं लेकिन उन्हें भी किसी समय वाहन के जब्त होने या फिर चोरी होने पर इंश्योरेंस से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा हैं। जिले में वाहन चोरी की घटनाएं आम है।
ऐसी ही स्थिति ड्राइविंग लाइसेंस की है। जरुरतमंद लोग लर्निंग लाइसेंस के बाद उसे सरेंडर कर स्थायी लाइसेंस के लिये अपनी प्रक्रिया पूरी तो की है, लेकिन स्मार्ट कार्ड के अभाव में उन्हें स्थायी लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है। ऐसे लोगों की स्थिति ज्यादा खराब है जिन्होंने लर्निंग लाइसेंस भी जमा कर दिया और उन्हें स्मार्ट कार्ड भी नहीं मिला।
कहते हैं अधिकारी
- फिलहाल वैसे लोगों के लिए जिन्होंने निबंधन के लिये राशि जमा करायी है या फिर ड्राइविंग लाइसेंस को सरेंडर किया है उन्हें पेपर मोड में कागजात उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया आरंभ की गयी है। अब उन्हें विशेष परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेपर मोड कागजात की वैधता छह माह की होगी। इस क्रम में उन्हें स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिये नये सिरे से एजेंसी चयन का कार्य किया गया है जो जल्द ही अपना काम संभालेगा।
शैलेन्द्र नाथ,जिला परिवहन पदाधिकारी,नवादा।