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बंद के दौरान नियोजित शिक्षकों ने रोकी ट्रेन

संवाद सूत्र, नवादा : बिहार राज्य नियोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक

By Edited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 08:53 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 08:53 PM (IST)
बंद के दौरान नियोजित शिक्षकों ने रोकी ट्रेन

संवाद सूत्र, नवादा : बिहार राज्य नियोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य बुधवार को बिहार बंद को सफल बनाने सड़क पर उतरे। हालांकि बंद का असर नहीं दिखा। नियोजित शिक्षकों ने केजी रेल खंड स्थित नवादा स्टेशन पर करीब दस मिनट के लिए 53626 किउल-गया पैसेंजर ट्रेन को रोक कर परिचालन को बाधित किया। आरपीएफ के हस्तक्षेप पर बंद समर्थक वहां से हट गये और परिचालन शुरु हुआ।

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बिहार बंद को सफल बनाने के लिए नियोजित शिक्षक सड़क पर उतर गये। संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार भारती के नेतृत्व में शिक्षकों ने घूम-घूम कर बाजार को बंद कराने का प्रयास किया। मौके पर नियोजित शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रामजी प्रसाद भी उपस्थित रहे। शिक्षकों का जत्था बाजार में घूमते नजर आया। उन्होंने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। आम दिनों की भांति दुकान खुले रहे और बाजार में चहल-पहल रही। वहीं सड़कों पर वाहनों का परिचालन जारी रहा। इधर, शिक्षक नेताओं ने बंद को पूरी तरह सफल बताया है। कहा है कि वेतनमान मिलने तक चरणबद्ध आंदोलन और सरकार के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है। शिक्षक नेताओं ने 16 अप्रैल से जिले के तमाम शिक्षकों से सरकारी व विद्यालयी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने की अपील की। मौके पर डा. रंजन तिवारी, डा. अमरेंद्र कुमार, विकास कुमार, मनोज कुमार, जितेंद्र कुमार, राकेश कुमार रंजन, सत्येंद्र चौधरी, जयेंद्र कुमार वर्मा, कुलेश्वर महतो, मो. इब्राहिम, मो. शदरे आलम, डा. अंशु माला, अनु सुमन भारती, आदित्य कुमार आदि उपस्थित थे।

- शिक्षकों ने किया सड़क जाम

संवाद सूत्र,नरहट(नवादा): हिसुआ- खनवा मुख्य मार्ग के मध्य नरहट प्रखण्ड मुख्यालय के सामने प्रखण्ड के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों ने सड़क जाम किया। जिसका नेतृत्व रविन्द्र पाण्डेय ने किया। बिहार सरकार द्वारा मागें पूरी नहीं किये जाने पर बुधवार को नियोजित शिक्षक सड़क पर उतरे थे। आक्रोशित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। सड़कों पर वाहनों का चलना घंटों बन्द रहा। बाद में प्रशासन के पहल पर शिक्षकों ने जाम तोड़ा। ज्ञात हो कि समान काम के बदले समान वेतनमान की माग को लेकर नियोजित शिक्षक 9 अप्रैल से ही अनिश्चितकालिन हड़ताल पर हैं। यही कारण है कि प्रखण्ड के अधिकाश विद्यालयों में ताला लटका है। इस मौके पर नवीन कुमार,ज्योति कुमारी, रमानुज सिंह,संजय कुमार, विनय कुमार ,नूसरत प्रवीण,मीण कुमारी ,विजया लक्ष्मी,शहानी आजमी, विजय कुमार मंडल,इन्दु कुमारी,बबीता कुमारी, स्नेहलता कुमारी,सुनिता कुमारी सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

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- सड़क पर बैठकर धरना-प्रदर्शन

संवाद सूत्र, सिरदला(नवादा): प्रखण्ड क्षेत्र के सभी नियोजित शिक्षक- शिक्षिकाओं ने बुधवार को संघ के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर घटों स्टेट हाईवे 70 को जाम रखा। इस दौरान विद्यालय में तालाबन्दी पाचवे दिन भी जारी रहा। क्षेत्र के सभी 132 विद्यालय में पठन पाठन के साथ सरकार की महत्वपूर्ण योजना मध्याहन भोजन पूरी तरह ठप है। नरेश प्रसाद यादव के नेतृत्व में बीआरसी परिसर से निकले शिक्षक सिरदला बाजार का भ्रमण कर फुलबगान चौक के समीप स्टेट हाईवे 70 पर बैठकर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के संयोजन सफीक उद्दीन ने बताया कि गुरूवार को पदाधिकारियों को गुलदस्ता भेंट किया जायेगा। मौके पर सुबोध कुमार,राजेश भारती,शशि कुमार सुमन,नाजीम हुसैन,मनीष शुक्ला,अखिलेश कुमार,आशा सिन्हा,सीमा कुमारी,अनिता कुमारी,रामजनम प्रसाद,अरूण राजवंशी,कमलेश कुमार आदि उपस्थित थे।

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- टाय-टाय फिस्स हुआ सड़क जाम

संवाद सूत्र, नारदीगंज(नवादा): वेतनमान को लेकर बिहार राच्य नियोजित शिक्षक सघ के द्वारा आहूत बिहार बंद को लेकर राजगीर-बोधगया राजमार्ग 82 को जाम करने का प्रयास प्रशासन ने विफल कर दिया। सैकड़ों महिला व पुरूष शिक्षक सड़क जाम के लिए पहुंचे। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनोज कुमार दल बल के साथ नारदीगंज चौक पहुंच गए और शिक्षकों समझा बुझाकर हटा दिया। उसके उपरात नियोजित शिक्षकों ने बीआरसी भवन में ताला जड़ दिया,साथ ही बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। संघ के प्रखंड अध्यक्ष पप्पु कुमार के नेतृत्व में लोगो ने मागों से सबंधित ज्ञापन बीडीओ व थानाध्यक्ष को दिया। संघ के आहवान पर प्रखंड के कई विद्यालयों में पठन-पाठन ठप रहा। बच्चे विद्यालय बंद देख निराश वापस लौट गये। छात्र अविनाश कुमार,राहुल कुमार,विकास कुमार आदि छात्रों का कहना है कि शैक्षाणिक सत्र शुरू हो गया है। 15 अप्रैल बीत गया है। विद्यालयों से स्कूल स्थानातरण प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पा रहा है। इस बाबत परमा गाव में कार्यरत सहायक नियोजित शिक्षक अमरजीत कुमार ने कहा किसरकार हमलोगों की माग को पूरी कर दे, अतिरिक्त समय निकालकर छात्रों की भरपाई कर दी जायेगी।

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-आर-पार की लड़ाई को तैयार शिक्षक

संवाद सूत्र,मेसकौर(नवादा): प्रखण्ड के नियोजित शिक्षक वेतनमान की लड़ाई के लिये सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। विभाग से मिल रहे तमाम निर्देश व फरमान को धत्ता बताते हुये उक्त शिक्षक सभी प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों में ताला जड़ चुके हैं। बुधवार को उक्त सभी नियोजित शिक्षक बीआरसी व सीआरसी में भी ताला जड़ दिया गया। कुछ नियोजित शिक्षकों से विगत रविवार को बीएलओ कार्य कराये जाने से खफा होकर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के विरूद्ध भी नारेबाजी किया।

इसके पूर्व करीब 200 की संख्या में नियोजित शिक्षक उत्क्रमित मध्य विद्यालय रेपुरा से करीब 80 की संख्या में नारेबाजी करते हुये बाइक से रैली निकाले। रैली बैजनाथपुर से होते हुये नदसेना,बहादूरपुर,लखौरा,रसलपुरा,बिजुविगहा,मेढ़कुरी,रंकाजलालपुर,पथरा,तेतरिया,बीसीआइत आदि दर्जनों गावों में जाकर अभिभावकों से सहयोग के लिये अपील किया। इस बाबत नियोजित शिक्षक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार ने कहा कि वेतनमान की माग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा। सरकार को जितना दबाव देना है दे ले नियोजित शिक्षक झुकने वाले नही हैं। उन्होंने कहा कि बीडीओ एवं एक अपने ही शिक्षक द्वारा शिक्षकों को बरगलाकर बीएलओ का कार्य कराया गया। अगर

उक्त पदाधिकारी का आगे भी यही रवैया रहा तो नियोजित शिक्षक प्रखण्ड कार्यालय में ही आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिये नो वर्क नो पे लागू कर दिया है और सभी नियोजित शिक्षकों ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया तो फिर जबरन कार्य कराने के लिये दबाव क्यों बनाया जा रहा है।

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- समर्थन में उतरा माध्यमिक शिक्षक संघ

संवाद सूत्र, हिसुआ (नवादा): नियोजित शिक्षक के समर्थन में बुधवार से माध्यमिक शिक्षक भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये। माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता रविन्द्र कुमार ने कहा कि एक तरफ विकास मित्र का मानदेय 7000 तथा सेवाकाल 60 वर्ष करने की घोषणा सरकार द्वारा की गयी। उन्होंने कहा कि विकास मित्र की योग्यता आठवीं है और उनका सरकारी महकमे में कोई औचित्य नहीं है, जबकि शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता इंटर है। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिन रात राष्ट्रनिर्माण में लगे हुए हैं। और राष्ट्रनिर्माता कहलाने वाले शिक्षक की झोली खाली पड़ी है। 9-10 हजार मासिक पगार पर काम करने वाले उन शिक्षकों का जीवन स्तर कैसे ऊपर उठ सकता है? सरकार के सामने यह यक्ष प्रश्न मुंह बाये खड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने में परेशानी है तो उन्हें सम्मान जनक वेतन तो मिलना ही चाहिए ताकि वे भी हीन भावना से निकल कर सम्मान जनक जीवन जी सके।


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