Move to Jagran APP

अकबरपुर पीएचसी में प्रसव के नाम पर फर्जीवाड़ा

संवाद सहयोगी, नवादा : जिले के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फर्जी नामों पर प्रसव दिखाकर राश

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 06:42 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 06:42 PM (IST)
अकबरपुर पीएचसी में प्रसव के नाम पर फर्जीवाड़ा

संवाद सहयोगी, नवादा : जिले के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फर्जी नामों पर प्रसव दिखाकर राशि का गबन किया जा रहा है। फर्जी मामले में अधिकारियों,कर्मियों के साथ आशा कार्यकर्ता की भूमिका अहम मानी जा रही है। मामले से संबंधित जाच की माग अधिकारियों से किये जाने के बावजूद जाच का न होना अपने आप में कई संदेहों को जन्म दे रहा है। और तो और थानाध्यक्ष को प्रमाण के साथ दिये आवेदन के बावजूद अबतक कार्रवाई आरंभ न की जा सकी है।

loksabha election banner

फर्जीबाड़े का है पुख्ता प्रमाण

- वित्तीय वर्ष 2008-09 से 11-12 के बीच प्रसव पंजी में नामाकित कई महिलाएं पूर्णत: फर्जी है। मसलन रेशमा प्रवीण पति मो.इम्तेयाज ग्राम पचरुखी मुहल्ला नेजामा का प्रसव क्त्रमाक 2768 दिनाक 22 फरवरी 2011,जाहिदा खातुन पति मो.ओहाद क्त्रमाक 214 दिनाक 8 अक्टूबर 2008 के साथ ही क्त्रमाक 906 दिनाक 29 अगस्त 2008,क्त्रमाक 1550 दिनाक 28 नवम्बर 2008,1736 दिनाक 07 जनवरी 2009,क्त्रमाक 1129 दिनाक 13 अगस्त 2009,क्त्रमाक 671 दिनाक 11 मई 2010,914 29 जून 2010,1312 24 अगस्त 2010,1657 निाक 30 सितम्बर 2010,1973 दिनाक 4 नवम्बर 2010,2665 दिनाक 24 जनवारी 2011 समेत कई दर्ज नामों की महिला उक्त क्षेत्र में है ही नहीं।

वार्ड सदस्या ने की है पुष्टि

- पचरुखी पंचायत वार्ड 13 नेजामा की पंचायत सदस्य शकीला खातुन ने भी उक्त नाम के किसी महिला के वार्ड में न होने की पुष्टि की हे। बावजूद इन प्रसव महिलाओं को फर्जी नाम के आधार पर राशि का भुगतान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से किया गया।

कौन करा रही फर्जीवाड़ा

- एक आशा कार्यकर्ता द्वारा फर्जी कार्य कराया जा रहा है। गलत नामों के आधार पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य कर्मियों की मिलीभगत से राशि का फर्जी भुगतान करा बंदरबाट की जा रही है।

-----

हुई जाच की माग

-ऐसी भी बात नहीं है कि मामले की जाच की माग नहीं की गयी। पचरुखी कोठी के अशोक साव ने आयुक्त,समाहर्ता व सिविल सर्जन को पुख्ता प्रमाण के साथ आवेदन देकर कई बार जाच की माग की। यहा तक कि 25 सितम्बर 14 को थानाध्यक्ष को पुख्ता प्रमाणों के साथ आवेदन दे प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगायी। लेकिन अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है।

-----

हुई है कार्रवाई

-ऐसी भी बात नहीं है कि जननी बाल सुरक्षा योजना राशि बंदरबाट के मामले में कहीं कार्रवाई नहीं हुई है। इसी मामले में सासाराम में 30 अप्रैल 2014 को कराये गये स्पीडी ट्रायल में न्यायालय ने डॉ.चेतन कुमार,एएनएम मंजू कुमारी,अंजू कुमारी व आशा कार्यकर्ता को तीन-तीन वर्ष का कारावास व 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा दी है।

बहरहाल अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फर्जी प्रसव के माध्यम से राशि लूट का नाम थमने का नाम नहीं ले रहा है। आवेदन व पुख्ता प्रमाण के बावजूद जाच न कराये जाने से फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा है। अगर मामले की जाच हुई तो कई का फंसना लगभग तय है। लेकिन सवाल यह है कि जाच करेगा कौन? क्योकि हमाम में..।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.