जब्ती व मुक्ति के खेल में कोई पाक साफ नहीं
संवाद सूत्र,पकरीबरावा (नवादा) : सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी के मामले में सिस्टम किस प्रकार नंग
संवाद सूत्र,पकरीबरावा (नवादा) :
सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी के मामले में सिस्टम किस प्रकार नंगा है यह देखने को मिला पकरीबरावां में। बात खुली तो हमाम में कौन नंगा नहीं है यह पता ही नहीं चल पाया। और कालाबाजारी के लिए ट्रक से ले जाया जा रहा खाद्यान्न जब्ती के बाद मुक्त कर दिया गया। बात कुछ यूं है।
मंगलवार की शाम प्रखंड परिसर के अंदर एक ट्रक प्रवेश किया। उसपर एफसीआई का खाद्यान्न लदा हुआ था। नियमत: खाद्यान्न को एसएफसी के गोदाम में उतारा जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कुछ देर बाद ट्रक प्रखंड परिसर से निकलने के क्रम में चहारदिवारी से टकरा गई। फलत: चहारदिवारी क्षतिग्रस्त हो गई। तभी अपने कार्यालय से निकल रहे पकरीबरावां के इंस्पेक्टर मनोज सुमन वहां पहुंचे। माजरा गड़बड़ लगा तो उन्होंने ट्रक को रोककर थाना और बीडीओ को सूचना दी। बीडीओ को उन्होंने बता दिया के ट्रक चालक के पास अनाज का कागजात नहीं है। इस बीच थाना द्वारा वहां चौकीदार प्रतिनियुक्त कर दिया गया। इतने के बाद इंस्पेक्टर चले गये। कुछ देर बाद शाम ढलते ही ट्रक को लेकर चालक निकल गया। परेशान चौकीदार ने थाना को सूचना दी। तब पुलिस कचना मोड़ तक पीछा कर ट्रक को पकड़ी और थाने में लगा दी। इसके बाद माफियाओं की सक्रियता तेज हुई और मोल जोल का दौर आरंभ हुआ। आखिरकार बुधवार की सुबह आपूर्ति पदाधिकारी अर्चना आनंद के पहुंचने के बाद ट्रक को मुक्त कर दिया गया।
आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि उक्त अनाज पीडीएस दुकानदार ढोढा निवासी शिवकुमार साव का है। जिसमें 448 पैकेट अनाज था। लेकिन आम लोगों के गले यह बात उतर नहीं रही। इस बाबत पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिता देवी ने बताया पकड़ो-छोड़ो का खेल आम है। गुप्त सुचना मिलने के बाद पहले अनाज को पकड़ा जाता है और बाद में संबधित पदाधिकारी उसे किसान व डीलर का बताकर मुक्त कर देते हैं। जिसके कारण कालाबजारियों की चंादी है। पूर्व प्रमुख ने बताया कि डीलर के गोदाम तक अनाज छोटे-छोटे वाहन से पहुंचाना है, और वह भी उस वाहन से जिसमें डोर टू डोर लिखा होना अनिवार्य है। और इस ट्रक में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा था। इतना ही नहीं उक्त ट्रक में वजन से भी ज्यादा अनाज लोड था। जब जिले में 22-26 तक खाद्यान्न दिवस घोषित था तो किस परिस्थिति में अंतिम दिन तक भी अनाज का उठाव होता रहा। इतना ही नहीं अनाज का आवंटन भी 14 नवम्बर को ही कर दिया गया था। तो फिर उठाव में इतना विलंब कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि प्रखंड में अनाज का उठाव हमेशा देर शाम 07 बजे तक होता रहता है। और वह भी बिना वजन। अधिकाश बार ट्रक से आए अनाज गोदाम में रखे बगैर ही ट्रैक्टर व पिकअप वैन पर लोड हो जाता है। अंधेरा का फायदा उठाकर अनाज को कालाबजारी में पहुंचा दिया जाता है। इस बार तो ट्रक से ही कालाबाजारी का खेल हुआ। फिलहाल इस प्रकरण ने सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी ओर बीडीओ नौशाद आलम सिद्दिकी ने बताया कि ध्वस्त चाहरदिवारी को ट्रक मलिक के द्वारा मरम्मत कराया जायेगा।