अर्से बाद दिखी नवादा में पुलिसिंग सिस्टम
जागरण संवाददाता, नवादा : जिले में अर्से बाद पुलिसिंग सिस्टम दिखी। दोहरे अपहरण कांड का उद्भेदन तो
जागरण संवाददाता, नवादा :
जिले में अर्से बाद पुलिसिंग सिस्टम दिखी। दोहरे अपहरण कांड का उद्भेदन तो यही संकेत देता है। पूरे घटनाक्रम में पुलिस की सक्रियता दिखी। यह अलग बात है कि स्वर्ण व्यवसायी धनंजय वर्मा व एमडीएम कर्मी अमरजीत की रिहाई के पूर्व अपहर्ताओं ने फिरौती की वसूली कर ली। लेकिन रिहाई के कुछ घंटे बाद ही अपहर्ताओं कारू व संजय की गिरफ्तारी, फिरौती में वसूल की गई रुपये की बरामदगी और कांड में शामिल सभी लोगों की पहचान कर पुलिस कर ली। नवादा पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता कही जायेगी। इसकी वजह ये कि हाल के कुछ महीनों में जिले में कई गंभीर किस्म की आपराधिक वारदातें हुई, लेकिन अधिकांश मामलों का उद्भेदन अबतक नहीं हो सका। जिले में अपराध चरम पर था। रोज घटनाएं हो रही थी। लेकिन अपराधी पकड़े नहीं जा रहे थे। शायद पूर्व के एसपी की विदाई में तीन माह में इन्हीं कारणों से हुई। दोहरे अपहरण के बाद भी लोग यही मान कर चल रहे थे कि पुलिस फिर फेल रहेगी। लेकिन इस बार पुलिस कम से कम पूरी तरह फेल नहीं रही। अब सिस्टम पटरी पर आया है तो लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई है। अन्य कांडों मसलन व्यापारी दीपक केसरी हत्याकांड, डीलर गोपाल मिश्रा हत्याकांड, पप्पु महतो हत्याकांड आदि का उद्भेदन भी होगा, उम्मीदें बढ़ गई है। फिलहाल दोहरे अपहरण में अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद अपहृत धनंजय के भाई संजय वर्मा हत्याकांड की गुत्थी सुलझनी तय मानी जा रही है। यह कांड तीन साल से अनसुलझी पहेली बनी थी।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि अपहृतों की रिहाई के पूर्व ही पुलिस गिरोह और अपराधियों की पहचान कर ली थी। लेकिन अपहृतों के परिजन सहयोग नहीं कर रहे थे, ऐसे में पुलिस को अपहृतों की बरामदगी में अड़चने आ रही थी। अपहृतों के परिजन सीधे तौर पर लेन-देन कर अपनों को मुक्त कराने की कवायद में थे। जबकि परिजन अपहर्ताओं द्वारा फिरौती के एवज में मांगी गई मोटी रकम अदा कर पाने में सक्षम नहीं थे। बावजूद कर्ज लेकर मुक्त कराया। अपहृत युवकों के मुक्त होते ही पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई प्रारंभ कर दी। और सफलता भी मिली। जिले में अपहरण की घटित पुरानी घटनाओं पर गौर करें तो कई ऐसे मामले रहे हैं जिनका कई वर्ष बीत जाने के बाद भी खुलासा नहीं हो सका। कई अपहृत अपहर्ताओं का शिकार बनकर रह गये और वे अपने घर लौट नहीं सके। वहीं कई अपहृतों को फिरौती लेने के बाद भी मुक्त नहीं किया गया। ऐसे में दोनों अपहृत युवकों की सकुशल वापसी और अपराधी गिरोह की पहचान और दो शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी पुलिस के दृष्टिकोण से सुखद है। एसपी डा. परवेज अख्तर और उनकी टीम की रफ्तार अगर ऐसी ही रही तो और भी बेहतर नतीजे मिल सकते हैं, इसकी उम्मीद तो की जा सकती है।