अर्थी को कंधा दिए श्माशान घाट तक पहुंचीं महिलाएं
संवाद सूत्र,रोह(नवादा): सामाजिक बंधनों से हटकर प्रखंड के सुंदरा गांव की महिलाएं न सिर्फ शव यात्रा म
संवाद सूत्र,रोह(नवादा): सामाजिक बंधनों से हटकर प्रखंड के सुंदरा गांव की महिलाएं न सिर्फ शव यात्रा में शामिल हुई बल्कि अर्थी को कंधा देते हुए श्मशान घाट तक भी पहुंची।
सोमवार को प्रखंड के सुन्दरा गाव निवासी व सेवानिवृत शिक्षक दशरथ प्रसाद की पत्नी व रालोसपा नेता डा. सुधीर कुमार की माता फूलमंती देवी का निधन हुआ था। शव यात्रा निकली तो गाव की महिलाएं पुरानी रीति रिवाजों से हटकर पुरुषों के साथ मिलकर अर्थी जुलूस में शामिल होकर गांव की गलियों में घूमी। इस दौरान अर्थी को कंधा देने से लेकर वह तमाम कार्यो में शामिल हुई जो कभी प्रतिबंधित हुआ करता था। वृदावन के पास स्थित शमशान घाट तक शव यात्रा पहुंची। जहा मृतक के छोटे पुत्र गौतम कुमार ने चिता में अग्नि दिया। इस दौरान महिलाओं ने चिता पर लकड़ी भी दी। इस गाव में शव यात्रा में महिलाओं के शामिल होने की पहली घटना थी। वैसे आसपास के कुंजैला सहित अन्य गांवों में यह परंपरा कुछ वर्षो पूर्व से ही कायम है। मृतका की शिक्षिका बहू प्रतिभा कुमारी, संगीता सिन्हा व अंशूमाला के अलावा पुत्री इन्दू व आरती के साथ गाव की अन्य महिलाएं व परिजन अर्थी को कंधा दी। मौके पर जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष ललन कुशवाहा, डीएसपी व मृतक के भतीजा नरेश प्रसाद, पुत्र अशोक कुमार, रालोसपा नेता व पूर्व मुखिया राजेन्द्र प्रसाद, अजय कुशवाहा, मुखिया नरेश प्रसाद, रामकिशुन महतो,सिद्धेश्वर प्रसाद सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे। बता दें कि अर्जक संघ द्वारा इस प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाती रही है।