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काशीचक थानाध्यक्ष समेत आधा दर्जन पर कोर्ट में मुकदमा

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 07:53 PM (IST)
काशीचक थानाध्यक्ष समेत आधा दर्जन पर कोर्ट में मुकदमा

संवाद सहयोगी, नवादा : जिले के काशीचक थानाध्यक्ष और बेलड़ के कई ग्रामीणों पर उसी गांव की एक लड़की ने कोर्ट में परिवाद दायर की है। सभी पर घर में घुसकर मारपीट, दु‌र्व्यवहार व लूटपाट करने का आरोप लगा है। मुकदमा करने वाली पूर्व उप प्रमुख अरुण कुमार की पुत्री है।

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आरोप है कि 18 जुलाई की सुबह 9 बजे करीब थानाध्यक्ष श्रीकान्त कुमार अपने सहयोगियों के साथ पूर्व उप प्रमुख के घर के पास पहुंचे। जहां अपने अन्य सहयोगियों को बाहर छोड़ गांव के हिमांशु कुमार,मनीष सिंह,श्रीकान्त सिंह,सरोवर सिंह,बाल्मिकी सिंह व मोहन सिंह के साथ घर के अंदर प्रवेश कर गये। अंदर प्रवेश करने के बाद थानाध्यक्ष ने पूर्व उप प्रमुख के बारे में पूछताछ आरंभ की। वहां मौजूद उनकी पुत्री ने पिता के करीब एक सप्ताह से घर से बाहर रहने की जानकारी दी। जिसपर थानाध्यक्ष आग बबूला हो उठे तथा मारपीट आरंभ कर दी। इस दौरान दु‌र्व्यवहार भी किया। शोर शराबा के बाद ग्रामीण जमा हुए लेकिन घर के बाहर खड़े पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को रोक दिया। आरोप है कि जाते-जाते थानाध्यक्ष के साथ रहे ग्रामीणों ने घर के बक्सा में रहे जेवरात अन्य सामान लेते गये। घटना के दौरान घर में मां व एक बहन ही थी। कोई पुरूष सदस्य मौजूद नहीं थे।

न्यायाधीश ने पीड़िता का बयान कलमबंद करते हुए घटना के गवाहों को अगली तिथि को पेश करने का आदेश निर्गत किया है।

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इन्सेट के लिये

हत्याभियुक्त हैं पूर्व उप प्रमुख

संवाद सहयोगी, नवादा : पूर्व उप प्रमुख अरुण कुमार हत्या के आरोपी हैं। उनपर गांव के अरुण सिंह जो कि मोबाइल टावर के गार्ड हैं की हत्या का आरोप है। 8 मई को हुई घटना के बाद से वे फरार चल रहे हैं। पुलिस दबिश बढ़ी तो पूर्व उप प्रमुख अपनी पुत्री को ढाल बना थानाध्यक्ष समेत पीड़ित के परिजनों के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दाखिल कराया है ताकि मुकदमे को कमजोर किया जा सके। पुलिस 18 जुलाई की सुबह उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर तक गयी थी। मृतक अरुण के पिता बाल्मिकी सिंह ने कांड संख्या 30/14 दर्ज करायी थी जिसमें पूर्व उप प्रमुख समेत दिवाकर सिंह,जितेन्द्र सिंह को नामजद व तीन अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया था। सदर एसडीपीओ संजय कुमार पाण्डेय ने मामले को सत्य पाते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश निर्गत किया है। अब जब पुलिस 18 जुलाई को काफी दिनों बाद गिरफ्तार करने उनके घर पर दस्तक दी तो अपनी पुत्री को ढाल बना थानाध्यक्ष समेत घटना के सूचक व गवाहों के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दाखिल करा मनोबल को तोड़ने का कार्य किया है।

पीड़ितों ने मामले की जांच अधिकारियों से कराये जाने के साथ ही फरार चल रहे हत्याभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही सुरक्षा की गुहार लगायी है।


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