आरक्षण पर बुद्धिजीवियों की परिचर्चा में उठे कई मुद्दे
नालंदा । प्रखंड के बा•ार स्थित सभागार कछ में रविवार के दिन प्रबुद्ध विचार मंच की ओर से वर्त
नालंदा । प्रखंड के बा•ार स्थित सभागार कछ में रविवार के दिन प्रबुद्ध विचार मंच की ओर से वर्तमान समय में आरक्षण की उपयोगिता और स्वरूप पर परिचर्चा का आयोजन कराया गया। इस परिचर्चा की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक रघुनन्दन प्रसाद ने की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की राजतंत्र से लेकर अभी तक दबे कुचले लोग जिनकी जनसंख्या 77.4 प्रतिशत है। लेकिन सरकार ज्यादा से ज्यादा 49 प्रतिशत तक ही आरक्षण देती है। इस कारण 28 प्रतिशत लोच लाचार •िान्दगी जीने को म•ाबूर हैं। कहा गया कि अभी तक आरक्षण का लाभ मिलने से जति विशेष के नेताओं को ही फायदा हुआ है। गरीब-तबके की कोई भी जति इससे लाभ नहीं ले सकी है। बैठक में कहा गया कि देश के 10 पूंजीपतियों में से 6 पिछड़ा वर्ग से आते है तो क्या इससे पिछड़े वर्ग का कल्याण हो गया? प्रबुद्ध विचार मंच के संयोजक कृष्ण कुमार ¨सह ने बताया कि वक्ताओं ने आरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कहा कि संविधान में आरक्षण को 10 वर्षों बाद समीक्षा की बात की गयी थी। लेकिन 60 वर्षों बाद भी समीक्षा नहीं की गई जो दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों ने आरक्षण की लड़ाई को सत्ता की लड़ाई तक ले जाने की अपील की गई। इस अवसर पर राजेश्वर पाण्डेय, इंजीनियर प्रमोद कुमार, माधव प्रसाद, अविनाश कुमार, आनंदी प्रसाद, कृष्ण कुमार ¨सह वक्ताओं ने परिचर्चा में भाग लिए। यह जानकारी दी।