अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में बोले राष्ट्रपति- भगवान बुद्ध के विचारों से होगा दुनिया के विवाद का निपटारा
भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी राजगीर में हो रहे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में कहा कि भगवान बुद्ध के बताये रास्तों पर चलकर ही दुनिया के तमाम विवादों का निपटारा किया जा सकता है।
पटना/ नालंदा/गया [जागरण टीम]।राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए कहा कि आज इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि विश्व हिंसा के दौर से क्यों गुजर रहा है। विश्व य़ुद्ध ने मानवता को गहरे घाव दिये हैं।
हिंसा ने हमेशा धरोहरों की छवी को नष्ट करने का काम किया है। समाज में आज मानवता के गुण नहीं देखे जाते हैं। ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि मानव की नैतिकता की वापसी कैसे होगी। नदियां, पर्वत, पर्यावरण व मानव मस्तिषक भी आज प्रदूषित हो गया है।
आज 21वीं शदी में दुनिया को बुद्धिज्मा के रास्तेद पर चलने की जरूरत है। हिंसा को त्याकगकर अहिंसा के रास्ते पर चलने की जरूरत है। तभी आतंकवाद और तनाव के इस माहौल में सकारात्मक विचार से नकारात्मकता को खत्म किया जा सकता है।
प्रणव मुखर्जी ने आगे कहा कि शैक्षणिक धरोहर में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय व तक्षशिला के शिक्षा प्रकाश ने पुरी दुनिया को 6ठी शताब्दी मे. फैलाया था। आज भी शिक्षा के प्रकाश को पूरी दुनिया में फैलाने की जरूरत है। शिक्षा का मतलब है कि विद्यार्थी को अहिंसा, भयरहित व नैतिकता व राष्ट्रप्रेम निहित होना चाहिए। यह सुनहरा सच है कि बुद्ध के विचारों से ही दुनिया के विवादों का निपटारा कर सकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था कि विश्व के सभी देशों से लोग शिक्षा प्राप्त करने नालंदा विश्वविद्यालय आते थे। प्राचीन काल मे प्रथम बौद्ध संगिती राजगीर में हुआ था। आज इसकी पुनरावृत्ति इस सम्मेलन के द्वारा हुई है।
बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा ने शिरकत कर इस धरती को भगवान बुद्ध की भांति परम पवित्र कर दिया। पूरे विश्व में तनाव व हिंसा के फैल रहे विषैले माहौल को बुद्ध के विचारों से दूर किया जा सकता है। दुनिया भर में जो कन्फ्लिक्ट रिज्युलेशन सेंटर नालंदा विश्वविद्यालय में खोला जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध कराने हेतु संकल्पित है, ताकि दुनिया भर के विवादों का हल इसमें हो।
बता दें कि आज भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नालंदा जिले के राजगीर में हो रहे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। सबसे पहले वे गया पहुंचे जहां बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर से वे राजगीर पहुंचे। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के सभागार में पहुंचने के बाद सबसे पहले राष्ट्रगान बजाया गया। इसके बाद नव नालंदा महाविहार के कुलपति एमएल श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया। फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया।
शुक्रवार से राजगीर में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसका उद्घाटन बौद्ध धर्मगुरू दलाईलामा ने किया था। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा भी मौजूद थे।
इस अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में विश्व के 35 देशों से बौद्ध धर्म के 1000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनके अतिरिक्त करीब 300 की संख्या में अतिविशिष्ट आगंतुक भी शामिल हुए।