धूमधाम से मनी जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण को पालने में झुलाया गया
शहर और देहात के ठाकुरबाड़ियों में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनायी गयी। जन्माष्टमी को लेक
शहर और देहात के ठाकुरबाड़ियों में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनायी गयी। जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों को सजाया गया था। रात 12 बजे श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की और पालने में झुलाया। साथ ही विभिन्न प्रकार के नैवेद्यों को चढ़ाया गया। शहर के गढ़पर मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को पालने में झुलाने के लिए विशेष तैयारी की गयी थी। जन्माष्टमी को लेकर दिन भर बाजारों में चहल-पहल बनी रही। फलों के दाम आसमान छू रहे थे। महिला श्रद्धालु दिनभर उपवास कर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की। इधर जन्माष्टमी को लेकर शनिवार को बाजारों में पूरी चहल-पहल रही। लोग पूजा को लेकर समानों की खरीदारी में मशगुल दिखे। इधर पूजा को लेकर अचानक फलों में उछाल देखने को मिला।
धनेश्वरघाट के पुजारी शैलेन्द्र पांडेय ने बताया कि भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ठीक 12 बजे रात में हुआ था। इसीलिए लोग इस दिन श्रद्धालु भाद्र कृष्णाष्टमी जन्मोत्सव के रुप में मना रहे हैं। नर-नारी इस दिन उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण को नैवेद्य चढ़ाते हैं। इसमें माखन, मिश्री, धूप, दीप, धनिया, सबुदाना और पानी फल विशेष रूप से रखा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को पालने पर झुलाया गया। इसका आयोजन विशेषकर ठाकुरबाड़ियों में किया गया। जन्माष्टमी पर्व करने से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।