बाजारों में गल्ले के भाव नए व पुराने नोटों के आधार पर किए जा रहे तय
जिले के बाजारों में इन दिनों अनाजों के भाव गल्ला व्यापारियों द्वारा अपने तरह से तय हो रहे हैं।
नालंदा। जिले के बाजारों में इन दिनों अनाजों के भाव गल्ला व्यापारियों द्वारा अपने तरह से तय किए जा रहे हैं। पुराने नोट देने पर प्रति क्विंटल 500 से 1000 रुपये अधिक कीमत दिए जा रहे हैं। 50 एवं 100 के नोट मांगने पर 500 से 1000 रुपये तक कम कीमत लगाया जा रहा है। जब से 500 और 1000 का नोट बंद होने के फरमान प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया है, तब से किसानों की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। किसानों द्वारामेहनत कर उपजाए गए अनाज इन दिनों बाजारों में कौड़ियों के भाव बिक रहे हैं। इन दिनों रबी फसल की बुआई के लिए किसान खाद-बीज खरीदने के लिए व्यापारियों के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं। किसान गेहूं, मसूर, चना आदि बाजार में औने-पौने भावों में बेचने के लिए मजबूर हैं। किसानों के अनाजों के इन दिनों व्यापारियों द्वारा दो तरह के भाव लगाए जा रहे हैं। 500 और 1000 के नोट लेने पर पांच सौ से एक हजार रुपये तक अधिक प्रति क्विंटल भाव लगाए जाते हैं। अगर पचास और सौ रुपये के नोट मांगने पर पांच सौ से एक हजार रुपये तक कम कीमत लगाए जा रहे हैं। जबकि 500 और 1000 के नोट सिर्फ बैंक में जमा करने के अलावा कोई काम के नहीं रह गए हैं। इन दिनों किसानों की मजबूरी का फायदा गल्ला व्यापारी बेखौफ उठा रहे हैं। उन्हें तनिक भी कानून का भय नहीं है। नोटबंदी ने किसानों की कमर ही तोड़कर रख दी है। गरीब, मध्यम वर्गीय व बटाई जोत करने वाले किसान की हालत सबसे खराब है।