सफलता पर विद्यार्थियों ने कहा मेहनत को मिला सम्मान
नालंदा । इंटर के खराब परिणाम के बाद विभिन्न पार्टियों द्वारा सरकार को गोलबंद करने का जिस प्रकार से प
नालंदा । इंटर के खराब परिणाम के बाद विभिन्न पार्टियों द्वारा सरकार को गोलबंद करने का जिस प्रकार से प्रयास किया जा रहा था इस बीच बिहार विद्यालय के मैट्रिक का परिणाम सरकार को थोड़ी राहत जरूर दे सकता है। परिणाम आने के बाद पूरे शहर में उत्सव का माहौल बन गया। शहर से लेकर गांव तक गुलाल उड़ने लगे मानों वसंत का आगमन हो चुका हो। विद्यार्थी एक दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे थे। वहीं अपने बच्चों के परिणाम से संतुष्ट दिख रहे माता-पिता ने अपने बच्चों को मिठाईयां खिलाई तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें आशीर्वाद भी दिया ।
जिले में 57.66 प्रतिशत परिणाम ने भले ही कईयों को असंतुष्ट किया हो लेकिन इस परिणाम ने सिद्ध कर दिया कि अब नहीं पढ़ने वालों की खैर नही। अच्छे अंक के लिए नियमित पढ़ाई आवश्यक है। नकल अथवा
पैरवी का जमाना गया। सफल वही हो सकते जिन्होंने पढ़ाई को अपना मूल मंत्र बनाया है।
------------------------
एक नजर में परिणाम :
- परीक्षा में शामिल कुल विद्यार्थियों की संख्या : 47271
- लड़कियों की कुल संख्या : 21986
- लड़कों की कुल संख्या : 25285
- उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की संख्या : 27257
- प्रथम आने वाले विद्यार्थियों की संख्या : 10191
- द्वितीय श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या : 13448
- तीसरी श्रेणी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या : 3618
------------------------
किसी के चेहरे पर पसीने तो किसी का दिखा खिलखिलाता चेहरा
परिणाम की घोषणा के बाद कुछ यही हालत दिखे किसी के चेहरे पर पसीने थे तो किसी का खिलखिलाता चेहरा। सुबह से विद्यार्थियों को मैट्रिक परीक्षा के परिणाम का इंतजार था। मैट्रिक परिणाम आते ही लोग खुशियों में डूब गए। अपेक्षा के विपरीत परिणाम था। भले ही बिहार का पच्णिाम कुछ अच्छा नहीं रहा बावजूद जिला के परिणाम ने थोड़ी राहत जरूर दी है। इस संदर्भ में विद्यार्थियों ने कहा कि मेहनत को सम्मान मिला है। कड़ी मेहनत करने वाले ही उर्त्तीण हच् पाए हैं। बच्चों ने कहा कि इस प्रकार की कड़ाई हमेशा रहनी चाहिए ताकि अध्ययन की आदत बनी रहे। उन्होंने कहा कि सरकार कभी कड़ाई तो कभी छूट की प्रक्रिया अपनच्ती है इससे बच्चों की पढ़ाई में अस्थिरता आच्े लगती है। बच्चों ने कहा कि उन्हें न तो कड़ाई पर आपत्ति है न पारदर्शिता पर। लेकिन कड़ाई की यह प्रक्रिया हमेशा बनी रहे।
------------------------
कड़ाई के साथ पढ़ाई की भी हो व्यवस्था
च्
परिणाम भले ही अच्छा नही रहा बावजूद अभिभावक खुश थे। क्योंकि एक लंबे अरसे बाद फिर पढ़ाई का माहौल बन पाया है। अभिभावकों ने कहा कि उन्हें सख्ती पर कोई रोष नहीं है। लेकिन इसके लिए शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की जरूरत है। महीनों बीत गए अभी तक अधिकांश सरकारी विद्यालयों में ढंग से पढ़ाई का आगाज भी नहीं हो सका क्योंकि न पुस्तकें हैं न पर्याप्त शिक्षक ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता की बात करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के चुनाव व उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया भी सख्त होनी चाहिए जिससे शिक्षा की चमक वापस लौट सके। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जब पढ़ाई का माहौल मिलेगा तो वे स्वत: पढ़ाई में तल्लीन होने लगेंगे।
------------------------
लड़कों का रहा दबदबा
एक अरसे बाद परीक्षा परिणाम में लड़कों का दबदबा नजर आया। जिले में कुल 25285 छात्रों के वनस्पति 21986 छात्राओं ने उत्तीर्णता हासिल की। पढ़ाई में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने वाली छात्राओं परिणाम को लेकर थोड़ी मायूसी जरूर दिखी। उन्होंने खराब प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी शिक्षा की गिरती दशा पर लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई का बिल्कुल माहौल नही है। प्राइवच्ट ट्यूशन कर ही अच्छे अंक प्राप्त किया जा सकता है। लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा टयूशन जाने की अनुमित अथवा खुली छूट नहीं होती। इसे भी खराब परिणाम का कारण कहा जा सकता है।
------------------------
सफलता पाने वाले विद्यार्थियों की सूची
नाम विद्यालय का नाम
- अब्दुल मजीद नेशनल हाई स्कूल, शेखाना
- अनुपम भारती एस.एस गर्ल्स हाई स्कूल
- अनीश कुमार --------------------
- विद्या सागर सरदार पटेल हाई स्कूल, सिलाव
- धर्मेन्द्र कुमार आदर्श हाई स्कूल
- गुलशन कुमार ----------------------