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हमरा से पहिले तू ही चल गेला हो बेटवा, अब केकर..

नालंदा। हमरा से पहिले तू ही हमरा छोड़ के चल गेला हो बेटवा अब केकरा सहारे जीवो हो बे

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 03:00 AM (IST)
हमरा से पहिले तू ही चल गेला हो बेटवा, अब केकर..
हमरा से पहिले तू ही चल गेला हो बेटवा, अब केकर..

नालंदा। हमरा से पहिले तू ही हमरा छोड़ के चल गेला हो बेटवा अब केकरा सहारे जीवो हो बेटवा। हमर बूढ़ी के अब कौन कंधा देतो हो बेटवा। अब यह करुण क्रंदन व चीत्काल उस बूढ़ी मां की थी जिसने थोडी देर पहले ही अपने इकलौते जवान बेटे को खो दिया था। वृद्ध मां की इस हृदय विदारक ²ष्य देखकर हर किसी के आंखें नम हो रही थी। ग्रामीणों ने बताया कि अजय कुमार अपने विधवा मां का एकमात्र सहारा था। उसकी पत्नी भी उसके साथ नहीं रहती थी । वह मायके में ही अपना आशियान बनाकर रह रही है। बताया जाता है कि अजय ही अपनी वृद्ध मां को खाना बनाकर देता था। जबकि 70 वर्ष की आयु होने के बावजूद वह घर का अन्य सभी कामकाज कर लेती थी। अब उसके बेटे के छीन जाने से पूरी तरह से टूट गई है। पति ने तो पहले ही साथ छोड़ दिया था। वृद्ध मां कभी बेटे के शव से लिपट कर रोती तो कभी छाती पीट-पीट कर विलाप कर रही थी। वे नम आंखों से उसकी हत्या करने वालों को भी कोस रही थी। आसपास की महिलाएं उन्हें सांत्वना देने में लगी थी। लेकिन वृद्ध मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था।


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