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कृषि योजनाओं को धरातल पर उतारने में मिल का पत्थर साबित हो रहा विभाग

नालंदा। कृषि विभाग कृषि योजनाओं को प्रत्येक किसानों तक पहुंचा रहा है। यहीं नहीं कृषि विभ

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 02:54 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 02:54 AM (IST)
कृषि योजनाओं को धरातल पर उतारने में मिल का पत्थर साबित हो रहा विभाग

नालंदा। कृषि विभाग कृषि योजनाओं को प्रत्येक किसानों तक पहुंचा रहा है। यहीं नहीं कृषि विभाग आधुनिक कृषि प्रणाली तथा उन्नत खेती का गुर किसानों को सीखा रहा है। सरकार की जितनी योजनाएं कृषि को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है उन योजनाओं का लाभ किसानों को देने में मामले में जिला कृषि विभाग बेहतर भूमिका निभा रहा है। जिला कृषि विभाग की व्यवस्था ऐसी है कि आधुनिक कृषि यंत्र, डीजल अनुदान, फसल बाढ़ क्षति का वितरण बड़े पैमाने पर किया गया है। कुछ किसानों को अनुदान उनके बैंक खाते में नहीं पहुंच सका है इसका वजह रहा किसान द्वारा कृषि विभाग को दिए गए बैंक खाता नंबर गलत होना या आइएफएस कोड नहीं डालना है। ऐसे किसान एक आवेदन के साथ बैंक पास बुक का फोटो कॉपी तथा आइएफएस कोड दोबारा विभाग को दें। उनके खाते में अनुदान राशि जल्द पहुंच जाएगा।

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प्रश्न : पिछले वर्ष 2014-15 में बाढ़ प्रभावित रहे हैं। लेकिन इतने वर्ष बितने के बाद उनके बैंक खाता में बाढ़ फसल क्षति नहीं पहुंचा है। कहीं मेरा बैंक एकाउंट नंबर तो गलत नहीं पड़ गया है या आइएफएस कोड डालना भूल गए है।

कैला निवासी रैना देवी

उत्तर : दोबारा आवेदन जिला कृषि पदाधिकारी के नाम से दें। आवेदन के साथ पास बुक का जिराक्स कॉपी तथा आइएफएस कोड भी संलग्न करें। इसके बाद किन कारणों से बाढ़ राहत नहीं मिला है इसकी जांच की जाएगी। अगर एकाउंट नंबर व आइएफएस कोड के कारण फसल क्षति नहीं मिला हे तो आपे के खाते में वह राशि चला जाएगा।

प्रश्न : कृषि संबंधी अनुदान प्राप्त करने के लिए किन-किन कागजात की जरूरत होगी।

राणा बिगहा से सहदेव ¨सह

उत्तर : सबसे पहले अपने नाम की जमीन का इंतखाफ निकाल लें। इसके बाद अपने अंचल के सीओ के यहां लगान जमा करके करेंट लगान रसीद प्राप्त कर लें। अनुदान खरीदने के लिए अपने प्रखंड के बीएओ के यहां आन लाइन आवेदन देकर यंत्र की खरीद करने के वास्ते अनुमति प्राप्त कर लें। यंत्र आदि की खरीदारी के बाद अनुदान प्राप्त करने के लिए एक आवेदन दें। आवेदन के साथ बैंक पास बुक का फोटो कॉपी तथा आइएफएस नंबर भी संलग्न कर दें।

प्रश्न : आवेदन दिए हैं लेकिन अनुदान अब तक नहीं मिला है।

कादीबिगहा निवासी जितेन्द्र पासवान

उत्तर : दोबारा एक आवेदन के साथ जमीन की लगान रसीद जमा कर दें। आप का अनुदान इसलिए नहीं मिल पाया होगा क्योंकि जो आवंटन प्राप्त हुआ था वह बंट गया था। शेष बचे लोगों के लिए आवंटन सरकार से मांगी गई थी। सरकार से आवंटन मिल गया है। आप का आवेदन मिलते ही अनुदान राशि आप के खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही आप को अनुदान मिल जाएगा।

प्रश्न : फूल के पौधे में फफुंद लग रहा है। क्या करें उपचार

खजुरबन्ना निवासी राकेश कुमार

उत्तर : फूल के पौधे की टहनी लेकर कृषि कार्यालय में आएं। लेकिन उसके पहले हेस्साकोना जोल नामक दवा दो एमएल लेकर प्रति लीटर पानी में मिलाकर दोपहर दो बजे के बाद फूल के पौधे पर छिड़काव कर दें।

प्रश्न : सलाह है कि सरकार के पास प्रस्ताव भेजिए कि सभी अनुदान बंद कर कृषि कार्य के लिए बिजली मुफ्त कर दें।

हरनौत निवासी चन्द्र उदय ¨सह

उत्तर : आप सुझाव नेक है। सुझाव विभाग के पास भेजा जाएगा।

प्रश्न : मेरे यहां किसानों के पास लगभग दस ट्रक प्याज है। इसके लिए बाजार की उपलब्धता होनी चाहिए ताकि प्याज का उचित कीमत मिल सके और किसान की पूंजी न डूबे।

द्वारिका बिगहा निवासी तरुण ¨सह व रामस्वारथ ¨सह

उत्तर : प्याज का उचित कीमत पाने के लिए सर्वप्रथम अपने प्याज की छंटनी कर लें। छंटनी में इस बात का खास ख्याल रखें कि प्याज एक साइज का हो। उसके बाद उस प्याज सेम्पुल लेकर पटना तथा बिहारशरीफ के बीग बाजार में जाएं उन्हें दिखलाकर कीमत पूछ लें। वहीं दूसरा विकल्प यह है कि सोहडीह के किसान से सम्पर्क कर लें और उनसे कोलकता के व्यवसायियों के बारे में जानकारी हासिल कर उनसे संपर्क करे। इसके अतिरिक्त नेट पर सर्च कर प्याज के व्यापारियों से मोल-भाव कर सकते हैं।

प्रश्न : धान की फसल में कीट-व्याधि लग जाने के कारण बाली कटकर गिर रहा है तथा पत्ते पीला होकर झड़ रहे हैं।

मुर्गियाचक गांव निवासी सर्वेश कुमार

उत्तर : धान की बाली लेकर तथा धान के पौधे लेकर अपने प्रखंड के बीएओ से संपर्क करें। वहीं से फोन कराकर जिला कृषि कार्यालय में बैठे विशेषज्ञों से धान की पौधे की हालात ठीक करने के लिए दवा की जानकारी दी जाएगी।


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