ए नीतीशवा रजपतिया के देखे जा ही का रें..
नालंदा। आज भी हमारा बिहार शिक्षा के क्षेत्र में कितना पिछड़ा है। इसका ताजा उदाहरण शायद
नालंदा। आज भी हमारा बिहार शिक्षा के क्षेत्र में कितना पिछड़ा है। इसका ताजा उदाहरण शायद इस शीर्षक को देखकर जरूर लग जाएगा। खैर, ऐसे तो राजगीर के पिल्खी में राष्ट्रपति के कार्यक्रम के आगमन की तैयारी काफी दिनों से चल रही थी। हर कोई इस बारे में जानने और समझने को उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। कि इतना बड़ा आयोजन हो तो रहा है। लेकिन यहां आएंगे कौन। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे थे। लेकिन शनिवार को इंतजार की घड़ी खत्म हुई। इस आयोजन के बारे में सुनकर पास के गांव के ही एक महिला अपने पुत्र से कुछ इस तरह इस एतिहासिक आयोजन को देखना चाह रही थी। पर सुरक्षा ऐसी कि.. इस पर उसकी मां के ये शब्द निकलते हैं अरे ए नीतीशवा रजपतिया के देखे जा रहली ह रें। ओने मत जो सिपाहिया मारतो रे। यह बात महादेवा गांव की एक महिला अपने दस वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार को बोल रही थी। महिला ने कहा कि यहां पर की-की हो रहले ह हमनी के पतो नय है। कलही से इस रोटवा पर पुलिसया सब आ जा रहलाखिन हां। महिला के मना करने के बावजूद उसका बेटा नीतीश बार-बार सभा स्थल की ओर जा रहा था। क्योकि इस अवोध बालक को यह पता भी नहीं है कि वहां पर जाने से उसे रोक दिया जाएगा। लेकिन उसकी मां इस बात से पूरी तरह से बाकिफ थी कि यहां पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। यह अलग बात है कि यहां पर राष्ट्रपति का कौन सा प्रोग्राम चल रहा है इसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है। महिला राष्ट्रपित का सही उच्चारण नहीं कर पा रही थी। इसलिए वो अपने पुत्र को कहती है अरे नीतीशवा रजपतिया के देखे जा ही का रें।