ट्रैफिक सिस्टम : नौ दिन चले ढाई कोस
बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता : नौ दिन चले ढाई कोस। जी हां, इसी रफ्तार से जिले की ट्रैफिक सिस्टम सुधर रही है। यह सत्य है कि गत वर्ष राज्य सरकार के निर्देश पर यहां भी ट्रैफिक सिस्टम सुधारने की कवायद शुरू हुई थी। सुधार के लिए कई प्रयास भी शुरू हुए, लेकिन सुधारों की रफ्तार ट्रैफिक की बढ़ रही लगातार बोझ की तुलना में नाकाफी दिख रही है। प्रति वर्ष जिले में लगभग छोटे-बड़े वाहनों की संख्या में लगभग 15 हजार की वृद्धि हो रही है, लेकिन कुछ प्रमुख सड़कों को छोड़ सभी सड़कों की चौड़ाई जस की तस बनी है। जाहिर तौर पर ऐसे में ट्रैफिक सिस्टम को सहज करना आसान नहीं प्रतीत हो रहा। इसके अलावा शहरों में पार्किंग की व्यवस्था लगातार दयनीय बनी हुई है। चाहे बिहारशरीफ जिला मुख्यालय हो या फिर राजगीर, एकंगरसराय, हिलसा या इसलामपुर, चंडी, हरनौत, नगरनौसा या कोई भी व्यस्त बाजार, सभी जगह प्राय: मुख्य व व्यस्त सड़कों पर ही वाहनों को अव्यवस्थित ढंग से खड़ा दिया जाता है।
वाहनों की संख्या में प्रति वर्ष दस से पंद्रह हजार की वृद्धि
जिला परिवहन कार्यालय के अनुसार प्रतिवर्ष दस हजार दोपहिया वाहनों का निबंधन होता है, जबकि कई हजार चारपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन पटना या अन्य शहरों से होकर यहां पहुंच रहा है।
जाम वाले प्रमुख प्वाइंट
रामचन्द्रपुर बाईपास में जहानाबाद मोड़ के पास अहले सुबह से देर रात तक जाम की भयावह स्थिति बनी रहती है, जबकि जाम रहने वाले अन्य जगहों में बस अड्डा, भरावपर, पुलपर, खंदक मोड़, सोहसराय मोड़, कचहरी मोड़ के अलावा हिलसा बाजार उल्लेखनीय हैं।
रूट प्लान निर्धारण से सहूलियत
जिला प्रशासन ने बिहारशरीफ में जाम से निबटने के लिए रूट प्लान लागू किया है। इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है। रामचन्द्रपुर से कचहरी या खंदक मोड़ जाने के लिए मोगलकुआं के रास्ते से रूट का निर्धारण किया गया है। इससे हास्पिटल चौराहा से कचहरी चौक के व्यस्त रास्ते को जाम से मुक्ति मिली है। रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड जाने के लिए वाहनों को कचहरी होते हुए हास्पिटल मोड़ होकर नाला रोड से रूट निर्धारित है। इसी प्रकार कई अन्य रूटों के निर्धारण से ट्रैफिक की स्थिति अपेक्षाकृत थोड़ी अधिक व्यवस्थित हुई है।
यातायात पुलिस की व्यवस्था में सुधार
पिछले कुछ महीनों में वर्तमान एसपी निशांत कुमार तिवारी ने सड़क के प्रमुख चौक-चौरहों पर ट्रैफिक पुलिस की प्रतिनियुक्तियां बढ़ायी है। इससे चौक-चौराहों पर अराजकता पर लगाम लगा है।
चौक-चौराहों का अपेक्षित विकास नहीं
जिला मुख्यालय में दर्जनों चौक-चौराहे हैं जिसका अपेक्षित विकास नहीं किया गया। शहर के सोहसराय, भरावपर, रामचन्द्रपुर, पुलपर, खंदक मोड़ व कचहरी मोड़ जैसे चौराहों की स्थिति अव्यवस्थित व जर्जर है। जबकि ऐसे चौराहों के विकास ही यहां सख्त दरकार है।
पार्किंग की व्यवस्था चौपट
पूरे जिले में पार्किंग की व्यवस्था कुल मिलाकर चौपट कही जा सकती है। उचित जगह के अभाव में प्रशासन भी पड़ाव की व्यवस्था कराने में अक्सर अपना हाथ खड़ा करता नजर आता है। नतीजतन चाहे बिहारशरीफ जिला मुख्यालय हो या फिर अन्य शहर सभी जगह मुख्य तथा व्यस्त सड़कों पर ही वाहनों का पड़ाव बना है। इससे ट्रैफिक की समस्या को लगातार विस्तार मिल रहा है।
जागरण के गत प्लान का हुआ था असर
जागरण के गत प्लान के बाद ही शहर में जिला प्रशासन ने रूट प्लान लागू किया था। इससे जाम के बुरे हालात पर कुछ हद तक काबू भी पाया गया था। इसके अलावा पार्किंग कुव्यवस्था जैसे सवालों पर प्रशासन ने कोई खास उपाय नहीं किया।
सड़कों की चौड़ाई न बढ़ना भी समस्या का कारण
शहरों में सड़कों की चौड़ाई न बढ़ना भी ट्रैफिक सिस्टम की बढ़ रही समस्या की बड़ी वजह है। शहर में सड़कों की चौड़ाई न बढ़ने की प्रमुख वजह अतिक्रमण भी है। शहरों में अतिक्रमण विरोधी अभियान प्रशासन के लिए एक जटिल व चुनौतीपूर्ण समस्या है। कुछ प्रमुख सदस्यों को छोड़ अधिकांश सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ायी गयी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले की ट्रैफिक व्यवस्था में निरंतर उल्लेखनीय सुधार हो रहा है। जिला प्रशासन ने ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए रूट प्लान का निर्धारण किया है तो ट्रैफिक पुलिस की तैनाती भी पहले की तुलना में कई गुणा अधिक हुई है। वाहन पड़ावों के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यहा की ट्रैफिक व्यवस्था अन्य कई जगहों की तुलना में काफी बेहतर है और सुधार के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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