नालंदा के हिरण्य पर्वत हत्याकांड को कोर्ट ने माना जघन्यतम अपराध, दो को फांसी
हिरण्य पर्वत पर वर्ष 2014 में पूर्णिया के दो छात्रों की जघन्य हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को स्थानीय व्यवहार न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश राजेश कुमार पांडेय ने मंगलवार को इस कांड से जुड़े मुख्य आरोपी लाला चौरसिया को फांसी की सजा सुनाई है।
नालंदा। हिरण्य पर्वत पर वर्ष 2014 में पूर्णिया के दो छात्रों की जघन्य हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को स्थानीय व्यवहार न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार पांडेय ने मंगलवार को इस कांड से जुड़े मुख्य आरोपी लाला चौरसिया को फांसी की सजा सुनाई है।
वहीं दूसरे आरोपी शंकर मिस्त्री उर्फ चामो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा लूट के मामले में भी धारा 394 के तहत भी दोनों को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। लोक अभियोजक मंजर हसन ने शुरू से इस मामले की जघन्यता को लेकर न्याय के अंजाम तक पहुंचाया।
इस मामले के अन्य दो आरोपी नाटा उर्फ संतोष तथा सुखा अबतक फरार हैं। सभी आरोपी बिहारशरीफ व मंसूर नगर मोहल्ले वासी हैं।
क्या था मामला
31 मई 2014 को पूर्णिया के बनमनखी से चार छात्र पोलिटेक्निक की परीक्षा देने बिहारशरीफ आए थे। शाम में चारों छात्र बिहारशरीफ के हिरण्य पर्वत पर घूमने गए थे। वहां पर आरोपितों ने उनके साथ लूटपाट के बाद मारपीट की थी। विरोध करने पर छात्र राहुल व प्रेम को पहाड़ से नीचे फेंक दिया था।
इस घटना में पहाड़ से गिरने के वजह से दोनों दोनों छात्रों की मौत हो गई थी। वहीं तीसरे छात्र अमरजीत ने मारपीट के दौरान पहाड़ से गिरने के क्रम में आरोपित लाला चौरसिया को पकड़ लिया था। जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना में चौथा छात्र घटनास्थल से भाग कर पुलिस को सूचित किया था।
इसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश मालाकार ने घटनास्थल से एक मोबाइल, एटीमए कार्ड सहित अन्य सामान बरामद किए थे। तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी ने घायल छात्र का कोर्ट में बयान लिया था। इसके बाद पीडि़त छात्र ने न्यायिक दंडाधिकारी रंजन कुमार मिश्र के सामने आरोपितों की पहचान की थी।