दीपक ने खेती से बनाई अपनी पहचान
नालंदा। दिल में अगर कुछ करने की तमन्ना हो तो मिट्टी से भी सोना उपजाया जा सकता है। कुछ लोग
नालंदा। दिल में अगर कुछ करने की तमन्ना हो तो मिट्टी से भी सोना उपजाया जा सकता है। कुछ लोग जहां खेती घाटे का सौदा मानते हैं वहीं नूरसराय प्रखंड के जगदीशपुर तियारी पंचायत के नारी गांव के स्व.अरविन्द प्रसाद ¨सह के पुत्र किसान दीपक कुमार ¨सह ने कृषि विज्ञान से स्नातक की पढ़ाई कर नौकरी छोड़ खेती को अपना पेशा चुना और एक बीघा में पाली हाउस में बेमौसम सब्जी उत्पादन शुरू कर बेहतर कमाई का जरिया बना लिया। वह अपनी पाली हाउस में खीरा, शिमला मिर्च, टमाटर की खेती किया। खीरा से प्रतिदिन का आमदनी चार हजार के करीब आता है। दीपक ने बताया कि वे अपने पैतृक जमीन 5 एकड़ में धान, गेहूं के बजाय नकदी फसल की खेती करना चाहते हैं। बताते हैं कि वे ढाई एकड़ खेत में टिशु कल्चर केला की प्रजाति जी.नाईन की खेती करेंगे। उनका लक्ष्य है कि वे पट्टे पर 10 एकड़ खेत लेकर जैविक सब्जी की खेती करें। दीपक के पिता पारंपरिक तरीके से धान और गेहूं की खेती करते हैं। वे बचपन से ही खेती में काफी रुचि लेते हैं। दीपक बी.कॉम कृषि स्नातक कर नौकरी नहीं कर खेती करना बेहतर समझा और गांव ही नहीं पंचायत प्रखंड के लोग उनकी खेती को देखने आते हैं और उनसे कुछ सिखने उनके पाली हाउस पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा भी उन्हें काफी सहायता एवं मदद मिली है लेकिन खेती की प्रेरणा उनके पिता से मिली है। आज वह खेती के बल पर काफी सम्पन्न किसान के रूप में गिना जाने लगा है।