छह महीने से कृषि यंत्र की खरीदारी को भटक रहे किसान
नालंदा। सरकार की आधुनिक कृषि यंत्र के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की महत्वाका
नालंदा। सरकार की आधुनिक कृषि यंत्र के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का इस वित्तीय वर्ष 2015-16 में हवा निकल गया है। वित्तीय के छह महीने बीतने जा रहा है। लेकिन इन छह महीने में कृषि विभाग ने एक भी कृषि यांत्रिकीकरण सह उपादान मेला नहीं लगाया। जिसके खरीफ में यंत्र खरीदने वाले यंत्र खरीदने से वंचित रह गए। अब वित्तीय वर्ष में मात्र छह महीने शेष बचे हैं। जबकि पूर्व में प्रत्येक महीने मेला का आयोजन किया जाता था। मेले में स्थानीय यंत्र निर्माताओं के अलावा बड़े-बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों के आधुनिक कृषि यंत्र के स्टाल लगाए जाते थे। मेले में अनुदानित दर पर अपने पसंद का कृषि यंत्र की खरीद किसान करते थे। किसान को सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान उनके खाते में चला जाता था। इस संबंध में नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि मेला लगाने की बात दूर की है। अभ्री तक सरकार किसी भी यंत्र का लक्ष्य तक नहीं भेजा है। लक्ष्य नहीं मिलने से सप्ष्ट नहीं हो रहा कि कौन से कितने यंत्र के लिए सरकार अनुदान देगी और किस यंत्र पर कितना अनुदान किसान को मिलेगा। लेकिन विभाग इस उम्मीद के साथ देर से ही सही यंत्रों का लक्ष्य व अनुदान संबंधी गाइड लाइन मिलेगी। कृषि यंत्र खरीदने के इच्छुक किसान से आन लाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मेले के संबंध में निर्देश मिलते ही तत्काल यांत्रिकी मेला का आयोजित किया जाएगा।